महिलाओं के साथ अपराध करने वालों के पास मानवाधिकार नहीं हैं : केन्द्रीय मंत्री उमा भारती

महिलाओं के साथ अपराध करने वालों के पास मानवाधिकार नहीं हैं : केन्द्रीय मंत्री उमा भारती

उमा भारती (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केन्द्रीय मंत्री उमा भारती अपने उस विवादास्पद बयान पर अडिग रहीं जिसमें उन्होंने कहा था कि बलात्कारियों को तब तक पीटा जाना चाहिए जब तक कि उनकी चमड़ी उधड़ नहीं जाती. उन्होंने जोर दिया कि महिलाओं के साथ अपराध करने वालों के पास मानवाधिकार नहीं हैं क्योंकि वे ‘मानव नहीं हैं.’

एक अंग्रेजी दैनिक को लिखे एक पत्र में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि उन्हें उन लोगों के प्रति ‘रत्ती भर भी रहम’ का एहसास नहीं है जो महिलाओं के साथ गलत काम करते हैं. उन्होंने दावा किया कि यदि उन्हें मौका मिले तो वह दोषियों को ‘कड़ी से कड़ी’ सजा दें.

वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह भी कहा कि वह उन पुलिसकर्मियों के नाम का खुलासा नहीं करेंगी जिन्होंने उस काल में जब वह मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, उनके निर्देश पर इन ‘दोषियों’ के खिलाफ कार्रवाई की और वह इसके लिए दंड का सामना करने को तैयार हैं. उमा भारती 8 दिसंबर, 2003 से 22 अगस्त, 2004 के बीच मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं.

इससे पहले शुक्रवार को यूपी विधानसभा चुनावों के प्रचार में जुटी उमा भारती ने एक रैली कहा था कि जब वह मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं तो बलात्कारी उनसे रहम की भीख मांगते थे. आगरा की रैली में उमा भारती ने कहा कि बलात्कारियों को पीड़िता के सामने तब तक टॉर्चर किया जाना चाहिए जब तक की वह रहम के लिए भीख न मांगने लगे. जब मैं मुख्यमंत्री थी तो ऐसा होता था.

बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ पिछले साल हुए गैंगरेप के मामले में समाजवादी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए उमा भारती ने कहा था कि सरकार ने इस मामले में गिरफ्तार लोगों की जमानत रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.

(इनपुट भाषा से भी)


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