विज्ञापन
This Article is From Apr 28, 2015

कैसे बनाएं पुरानी और चिनाई वाली इमारतों को भूकंप-रोधी


नई दिल्‍ली : नेपाल में भूंकप से हुई भयंकर तबाही ने एक बार फिर कमज़ोर और पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिये हैं। दरअसल दिल्ली में लाखों ऐसी इमारते हैं जो या तो काफी पुरानी हो चुकी हैं या जिनके निर्माण के दौरान बिल्डिंग कोड और सरकारी नियमों की अनदेखी की गई।

जानकार मानते हैं कि पुरानी और चिनाई वाली इमारतों को नए सिरे से भूकंप-रोधी बनाना संभव है। एनडीटीवी से खास बातचीत में भारतीय मानक ब्यूरो में डायरेक्टर (सिविल इंजीनियरिंग) संजय पंत ने कहा, 'पुरानी और चिनाई वाली इमारतों को भूंकप के बड़े झटके झेलने के लिए और मज़बूत और सुरक्षित बनाने के लिए सबसे पहले ज़रूरी होगा कि स्‍ट्रक्‍चरल इंजीनियर की मदद से इमारत की रैपिड विजुअल स्‍क्रीनिंग की जाए। इस प्रक्रिया से ये पता लगेगा कि बिल्डिंग की दीवारों में, बीम्स में और कॉलम में कमज़ोरी कहां-कहां है।'

संजय पंत के मुताबिक अगर पुरानी और चिनाई वाली इमारतों के निर्माण के दौरान खिड़कियों, दरवाज़ों और छतों पर बैंन्ड्स नहीं लगाए गए हैं तो पुरानी या मेसनरी की बिल्डिंग को मज़बूत करने के लिए उसे स्टील की वायर-मेश प्लेट्स से चारों तरफ से बांधना ज़रूरी होगा। दीवारों में अगर दरारें हैं तो उन्हें भरने के लिए उनमें हाई-प्रेशर से सीमेन्ट भरा जाना जरूरी होगा।

इसे तकनीकी भाषा में ग्राउटिंग कहा जाता है। जहां-जहां दीवारें सिर्फ एक ईंट की बनी हैं वहां साथ में एक नई दीवार बनानी पड़ेगी। बिल्डिंग मैटिरियल्स एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारी जे के प्रसाद कहते हैं कि ज़ोन-4 में बनने वाली चिनाई वाली इमारतों में इस तरह के भूंकप-रोधी फीचर्स शामिल करना बेहद ज़रूरी है, विशेषकर खिड़कियों, दरवाज़ों और छतों पर बैंड लगाना बेहद ज़रूरी है जिससे वो और मज़बूत हों। ऐसी इमारतों में कॉलम्स को भी नए सिरे से मज़बूत बनाना ज़रूरी है।

अगर आप नई इमारत के निर्माण के दौरान भूंकप-रोधी फीचर्स उसमें शामिल करना चाहते हैं तो आपको कुल खर्च का दस फीसदी और अलग से करना

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com