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This Article is From Feb 06, 2016

नौसेना जहाज़ों के 'मेले' में आतंकी हमले के खिलाफ कैसे लड़ा जा रहा है...

नौसेना जहाज़ों के 'मेले' में आतंकी हमले के खिलाफ कैसे लड़ा जा रहा है...
नौसेना ने पनडुब्बी समेत मशीन गन से लैस तेज़ गति वाली अवरोधक नाव को काम पर लगाया है
विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के पास अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में 50 देशों के करीब 100 जंगी जहाज भाग ले रहे हैं। इस राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस जंगी जहाजों के मेले की समीक्षा कर रहे हैं। अकेले भारत के 75 युद्ध जहाज़ इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं 24 अंतरराष्ट्रीय जहाज़ भी यहां पहुंचे हुए हैं। लेकिन भारत की नौसेना शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए तैयार किए गए इस कार्यक्रम में सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त एहतियात बरती जा रही है। इसकी वजह पिछले महीने हुए पठानकोट एयरबेस हमले को बताया जा रहा है जिसमें 7 जवान मारे गए थे।
 
भारत का सबसे बड़ा जंगी जहाज़ आईएनएस विक्रमादित्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। नौसेना के सूत्रों की मानें तो इस समारोह के दौरान छोटी और तेज़ गति से आने वाली नावों से आतंकी हमला होने का खतरा मंडरा रहा है। पश्चिमी नेवल कमांड के कमांडर इन चीफ एडमायरल सुनील लानबा कहते हैं 'इस तरह के कार्यक्रम में जहां जहाज़ एक जगह खड़े रहते हैं, ऐसे में कुछ लोगों का झुंड में आना और खड़ी हुए जहाज़ पर विस्फोट या हमला करना सबसे बड़ा खतरा बन जाता है।'
 
भारतीय नौसेना के इतिहास में दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू हो रहा है

हालांकि नौसेना ने रक्षा के लिए पनडुब्बी समेत मशीन गन से लैस तेज़ गति वाली अवरोधक नाव को काम पर लगा रखा है। इस सम्मेलन में 50 देश, 100 जहाज़, 24 विदेशी जंगी जहाज़ और 4000 नौसैनिक इकट्ठा होंगे। जहां एक तरफ हिंद महासागर में बीजिंग अपनी पैठ बढ़ाता दिख रहा है, वहीं भारत में दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का आयोजन, देश के नौसेना नेतृत्व को और मजबूती से पेश करने के इरादे से किया गया है।
 
इस मौके पर 50 देश एकत्रित हुए हैं

विदेशी नौसेना प्रमुख की मौजूदगी में जरूरी है कि भारत अपने इस शक्ति प्रदर्शन से सभी को प्रभावित कर सके, साथ ही दूर दूर से न्यौते से बुलाए गए अंतरराष्ट्रीय जहाज़ों की सुरक्षा की देखरेख की जिम्मेदारी भी सफलतापूर्वक संभाल पाए।

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