बनिवाड़ी(हरियाणा):
अपनी शादी की तीसरी सालगिरह के मौके पर मेजर सतीश दहिया ने पत्नी सुजाता को उपहार भेजे थे. लेकिन सैकड़ों किमी दूर जब तक केक, फूलों और कैंडल्स की शक्ल में वे उपहार सुजाता तक पहुंचते तब तक जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ लड़ते हुए मेजर सतीश दहिया शहीद हो गए. सेना में मेजर 31 वर्षीय सतीश दहिया मंगलवार को शहीद हुए. उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. उनकी दो साल की बेटी प्रियाशा ने अपने चाचाओं की मदद से उनको मुखाग्नि दी.
शुक्रवार को उनकी शादी की तीसरी सालगिरह है. उनके भेजे हुए गिफ्ट को हाथों में समेटे शोक में डूबी उनकी पत्नी सुजाता दहिया(27) ने एनडीटीवी से कहा, ''ये गिफ्ट उनकी शहादत के बाद मुझ तक पहुंचे. इसमें एक ग्रीटिंग भी है, जिसमें लिखा है, 'मैं तुमसे प्यार करता हूं,पूचा' तुम मेरी प्रेरणा हो,' सतीश.'' ये पार्सल उनकी शहादत की खबर आने के कुछ घंटों बाद पहुंचा. आंखों से उमड़ते आंसुओं के बीच सुजाता दहिया ने कहा, उनको अपने पति पर बेहद गर्व है.
मेजर दहिया की अंतिम यात्रा के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े. अंत्येष्टि स्थल पर उनके पार्थिव शरीर के पहुंचने से पहले ही 800 से भी ज्यादा लोग वहां पहुंच गए और लोगों का सैलाब बढ़ता भी चला रहा था. यहां तक कि भीड़ के चलते मेजर दहिया के पिता को अपनी इकलौते बेटे को आखिरी बार देखने के लिए संघर्ष करना पड़ा. जब उन्होंने बेटे को अंतिम बार देखा तो उनके लिए खुद को संभालना मुश्किल हो गया.
मेजर के कजिन राजेश दहिया ने रोते हुए कहा कि वह बेहद बुद्धिमान और साहसी इंसान थे. राजेश ने कहा कि मेजर सतीश कहते थे, ''मैं बहुत गीदड़ को मारता हूं वहां...जब मैं वापस आऊंगा तब लोग बहुत गर्व से तुम्हारे भाई का नाम लेंगे.'' उसके बाद राजेश ने फूट-फूट कर रोते हुए कहा, ''मुझे आप और आपकी शहादत पर गर्व है.''
शुक्रवार को उनकी शादी की तीसरी सालगिरह है. उनके भेजे हुए गिफ्ट को हाथों में समेटे शोक में डूबी उनकी पत्नी सुजाता दहिया(27) ने एनडीटीवी से कहा, ''ये गिफ्ट उनकी शहादत के बाद मुझ तक पहुंचे. इसमें एक ग्रीटिंग भी है, जिसमें लिखा है, 'मैं तुमसे प्यार करता हूं,पूचा' तुम मेरी प्रेरणा हो,' सतीश.'' ये पार्सल उनकी शहादत की खबर आने के कुछ घंटों बाद पहुंचा. आंखों से उमड़ते आंसुओं के बीच सुजाता दहिया ने कहा, उनको अपने पति पर बेहद गर्व है.
मेजर दहिया की अंतिम यात्रा के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े. अंत्येष्टि स्थल पर उनके पार्थिव शरीर के पहुंचने से पहले ही 800 से भी ज्यादा लोग वहां पहुंच गए और लोगों का सैलाब बढ़ता भी चला रहा था. यहां तक कि भीड़ के चलते मेजर दहिया के पिता को अपनी इकलौते बेटे को आखिरी बार देखने के लिए संघर्ष करना पड़ा. जब उन्होंने बेटे को अंतिम बार देखा तो उनके लिए खुद को संभालना मुश्किल हो गया.
मेजर के कजिन राजेश दहिया ने रोते हुए कहा कि वह बेहद बुद्धिमान और साहसी इंसान थे. राजेश ने कहा कि मेजर सतीश कहते थे, ''मैं बहुत गीदड़ को मारता हूं वहां...जब मैं वापस आऊंगा तब लोग बहुत गर्व से तुम्हारे भाई का नाम लेंगे.'' उसके बाद राजेश ने फूट-फूट कर रोते हुए कहा, ''मुझे आप और आपकी शहादत पर गर्व है.''
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