कोरोना से हुई मौतों का ऑडिट करें अस्पताल और राज्य, ताकि पारदर्शिता आए : AIIMS प्रमुख

AIIMS प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने कहा कि अस्पतालों और राज्यों को कोरोनावायरस (Coronavirus Deaths) से हुई मौतों का ऑडिट करना चाहिए, ताकि पारदर्शिता आए.

कोरोना से हुई मौतों का ऑडिट करें अस्पताल और राज्य, ताकि पारदर्शिता आए : AIIMS प्रमुख

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • दिल्ली AIIMS के प्रमुख हैं डॉक्टर गुलेरिया
  • बोले- कोविड मौतों का ऑडिट होना चाहिए
  • तीसरी लहर की तैयारी की ओर किया इशारा
नई दिल्ली:

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने कहा है कि अस्पतालों और राज्यों को कोरोनावायरस (Coronavirus Deaths) से हुई मौतों का ऑडिट करना चाहिए, ताकि पारदर्शिता आए. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए रणनीति बनाने के भारत के प्रयासों में अस्पतालों और राज्य सरकारों द्वारा कोविड से संबंधित मौतों की गलत जानकारी अनुपयोगी हो सकती है. इन परिस्थितियों में कोविड से होने वाली मृत्यु दर की पारदर्शिता के लिए इसको ऑडिट करना होगा.

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया की टिप्पणी उन रिपोर्ट्स और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा मौतों की संख्या को कम करने के आरोपों के बीच आई है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Covid 19) का उदाहरण लें तो अप्रैल माह में वहां पर सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड से मौत के आंकड़ों और घाटों पर होने वाले कोविड शवों के अंतिम संस्कार के आंकड़ों के बीच काफी अंतर देखने को मिला था.

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NDTV से बातचीत में डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, 'मान लीजिए कि एक व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है और अगर उसे कोरोना होता है, तो हार्ट अटैक का कारण कोविड हो सकता है. इसलिए, आपने इसे नॉन-कोविड मृत्यु के रूप में गलत वर्गीकृत किया होगा. इसे सीधे कोविड से जोड़ने के बजाय आप इसे हृदय की समस्या के रूप में देख रहे हैं.' केरल विधानसभा ने हाल ही में इस बात पर बहस की थी कि कौन तय करे कि कोई मरीज कोविड से मरा है या नहीं.

उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों और राज्यों को कोविड डेथ ऑडिट करने की आवश्यकता है, क्योंकि हमें यह जानना होगा कि मृत्यु दर के कारण क्या हैं और हमारी मृत्यु दर को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है. जब तक हमारे पास स्पष्ट आंकड़े नहीं होंगे, हम अपनी मृत्यु दर को कम करने की रणनीति विकसित नहीं कर पाएंगे. डॉक्टर गुलेरिया ने यह बात तीसरी लहर की तैयारी की ओर इशारा करते हुए कही.

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उन्होंने दो कारण बताए, वायरस का उत्परिवर्तन और मानव व्यवहार. दुनियाभर में और विशेष रूप से भारत में महामारी की कई लहरें क्यों हैं. वायरस विकसित होता है क्योंकि वह अपने स्वभाव में है. हमारी चिंता यह है कि आप संक्रमित हो सकते हैं लेकिन आपको गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए. वैक्सीन आपको इससे बचाती है. टीका आपको कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.

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