देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान नवाज शरीफ के शामिल होने पर कांग्रेस ने कहा कि नई सरकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सामने आतंकवाद, मुंबई हमले के हमलावरों के मामले की सुनवाई की धीमी गति और दाऊद इब्राहिम को सौंपे जाने जैसे मामलों को उठाएं।
निवर्तमान केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने याद दिलाया कि बीजेपी ने हमेशा यह कहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती। तिवारी ने उम्मीद जतायी कि कार्यभार संभालने के बाद बीजेपी सरकार 26-11 हमलों की सुनवाई की धीमी गति का मुद्दा उठाएगी, जिससे 'उन्हें परेशानी होती रही है।' उन्होंने साथ कहा कि हाफिज सईद जैसे लोगों के मुद्दे भी उठाए जाने चाहिए।
तिवारी ने कहा, 'वह समय-समय पर दाऊद इब्राहिम की वापसी का मुद्दा उठाते रहे हैं, जिसे कथित रूप से पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों ने पनाह दे रखी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि बीजेपी पिछले दस वर्षों से बनाए हुए अपने रुख पर कायम रहेगी और भारत आने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के समक्ष ये मुद्दे उठाएगी।'
वहीं कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि साथ तस्वीरें खिंचवाने का अवसर ठीक है, लेकिन सत्तारूढ़ होने के उत्साह में मोदी राष्ट्रीय हित से समझौता ना करें। उन्होंने कहा, 'बीजेपी के अनुसार पाकिस्तान में आतंकवादी मॉड्यूल और दाऊद अब भी सक्रिय हैं।'
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