हाईकोर्ट की ओर से 'जोड़े' को पुलिस संरक्षण देने के निर्देश के बावजूद राजस्थान के दौसा में एक 18 साल की किशोरी की उसके ही पिता ने इस कारण हत्या कर दी कि वह अनुसूचित जाति (SC) के एक युवक से शादी करना चाहती थी. ऑनर किलिंग के इस मामले में किशोरी के माता-पिता ने उसकी शादी किसी और से कर दी थी. इस कारण किशोरी अपने प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी. बाद में इस जोड़े ने संरक्षण के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी लेकिन इन दोनों के दौसा लौटते ही किशोरी लापता हो गई. गुरुवार को पिता ने थाने पहुंचकर स्वीकार किया कि उसने बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी है.
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18 साल की पिंकी, रोशन नाम के लड़के से प्यार करती थी लेकिन उसकी शादी किसी और के साथ कर दी गई थी. पिंकी और रोशन का मामला हाईकोर्ट तक गया और कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को आदेश दिया कि उन्हें सुरक्षा दी जाए, पैसों की ज़रूरत पड़ने पर पिंकी और रोशन जैसे ही अपने घर दौसा लौटे. पिंकी के घर वालों ने रोशन के घर पर हमला बोल दिया. वे जबरन पिंकी को उठा ले गए. रोशन ने बताया कि पिंकी के पिता ने उसे जान से मार दिया और फिर थाने में पहुंचकर गुनाह क़बूल कर लिया. हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद 'सुरक्षा में गंभीर चूक' के मामले में पुलिस का कहना हे कि उन्हें सूचना नहीं थी कि पिंकी और रोशन वापस दौसा लौट चुके है, इसलिए सुरक्षा में चूक हुई है. रोशन के पिता कहते हैं कि प्यार करना कोई गुनाह नहीं है. इस मामले में पुलिस के साथ-साथ सवाल उस समाज पर भी उठता है जो कि अलग अलग जाति के लोगों के प्यार को नहीं समझ पाता.
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