केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने सभी कर्मियों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के खिलाफ आगाह किया और निर्देश दिया है कि ऐसे मंचों पर किसी भी गोपनीय सूचना का खुलासा न करें।
गृह मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने के लिए स्वतंत्र हैं पर यह जरूरी है कि ऐसा करते समय वे यह सुनिश्चित करें कि किसी गोपनीय सूचना का खुलासा नहीं किया जाए। मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुमार आलोक ने एक सर्कुलर में कहा, ‘‘उनके विचार को तब तक ‘आधिकारिक विचार’ नहीं माना जाना चाहिए जब तक कि उन्हें अधिकृत न किया गया हो । लोक अभिलेखों के लेन-देन से जुड़े किसी भी आधिकारिक काम के लिए उन्हें भारत में स्थित किसी सर्वर से जुड़ी ई-मेल आईडी का इस्तेमाल करना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए वे नेशनल इंफॉरमेटिक्स सेंटर की सेवा ले सकते हैं ।’’ गृह मंत्रालय ने कहा कि सूचना देने, नीति-निर्माण, भर्ती, जागरूकता पैदा करने, शिक्षा वगैरह के लिए सरकार सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रही है ।
सकरुलर में कहा गया, ‘‘ज्यादातर सोशल मीडिया साइटें भारत के बाहर हैं और उन पर भारतीय कानून लागू नहीं होते । यह सुनिश्चित करना काफी अहम है कि लोक अभिलेख कानून, 1993 और अन्य कानूनों का पालन किया जाए । साइबर संसार के खतरों के मद्देनजर कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं ।’’
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