नई दिल्ली:
मसर्रत मामले पर गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट पर सफाई मांगी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम उनके द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हैं इसीलिए और सफाई मांगी है।
वैसे जिस तरह से सरकार की किरकरी हो रही है, मसर्रत आलम की रिहाई को लेकर उससे लगता है कि सरकार खुद नहीं जानती कि आगे क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी लाचार दिखे। सरकार की अगर नहीं चली तो वह एडवाइजरी जारी करेंगे।
उधर, अब चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि खुद प्रधानमंत्री ने माना है कि जम्मू-कश्मीर की सरकार जो फैसले ले रही वह उन्हें बिना बताये ले रही है। न हमें जानकारी दी गई और न ही मशविरा। यह बात नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कही।
गृह मंत्रालय में चर्चा इसी बात को लेकर है कि जब प्रधानमंत्री को नहीं मालूम तो फिर किसे मालूम है। उधर, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया है कि आलम पर कोई नया मामला नहीं बना पाए इसीलिए वह रिहा हो गया।
इधर, दिल्ली में हुर्रियत नेता सयैद अली शाह गिलानी ने कहा कि मसर्रत की रिहाई सिर्फ मुफ्ती सरकार का एक स्टंट है। घाटी में हालत बदले नहीं हैं।