गृहमंत्री अमित शाह संसद सत्र के बाद जा सकते हैं जम्मू-कश्मीर, दो दिनों तक घाटी में रहेंगे : सूत्र

जम्मू-कश्मीर सरकार की एडवाइजरी और राज्य में कुछ बड़ा होने की अटकलों के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा सकते हैं.

खास बातें

  • जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं गृहमंत्री अमित शाह
  • सूत्रों का कहना है कि अमित शाह घाटी में दो दिन रहेंगे
  • कल ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने एडवाइजरी जारी की थी
नई दिल्ली :

जम्मू-कश्मीर सरकार की एडवाइजरी और राज्य में कुछ बड़ा होने की अटकलों के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक अमित शाह संसद सत्र के बाद दो दिनों के लिए घाटी का दौरा सकते हैं. वह जम्मू भी जाएंगे. आपको बता दें कि एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने एडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने की सलाह दी थी. अब यह खबर भी आ रही है कि जम्मू में बने अमरनाथ यात्रियों के बेस कैंप से भी यात्रियों को जाने के लिए कह दिया गया है. ऐसे में यात्रियों के लिए बेस कैंप छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है.सरकार का या आदेश घाटी में आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए आया. हालांकि सरकार के इस आदेश के बाद तमाम तरह की अटकलें भी लगनी शुरू हो गईं.  

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दूसरी तरफ, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार शाम को राज्य के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडल के साथ मुलाकात के बाद उन्हें शांत रहने व अफवाहों पर ध्यान न देने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर 'बेवजह का डर' पैदा किया जा रहा है. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और 'अफवाहों' पर भरोसा ना करने की बात कही है.  

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इस बीच जम्मू-कश्मीर में अचानक रोकी गई अमरनाथ यात्रा, सैलानियों को वापस आने की एडवाइजरी और घाटी में 25 हजार सैनिकों की अतिरिक्त तैनातगी के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है. इसके साथ ही अफवाह यह भी है कि केंद्र सरकार राज्य में अनुच्छेद 35A हटाने का विचार कर रही है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बाहर आकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमें पता नहीं पता कि क्या हो रहा है. इसलिए एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें में भी शामिल हूं, राज्यपाल से मिलकर पूछा कि यह सब कुछ क्यों हो रहा है.  

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उन्होंने कहा, हमने अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 को हटाने की खबरों के बारे में भी पूछा है, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है.' लेकिन इसके उमर अब्दुल्ला ने यह भी जोड़ा कि राज्यपाल के शब्द आखिरी नहीं होते हैं. हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार की ओर से संसद में बयान चाहते हैं.

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