उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में अनुसूचित जाति के एक शख्स और उसकी मुस्लिम पत्नी की शनिवार को सरेआम हत्या कर दी गई।
बताया जाता है कि महिला के भाई ने कथित तौर पर इसलिए इन दोनों की जान ले ली, क्योंकि उन्होंने शादी तोड़ने के पंचायत के फरमान को नहीं माना।
22 साल के सोनू और 21 साल की दानिश्ता बेगम ने चार महीने पहले शादी की थी। दोनों दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर फतेहरपुर गांव में रह रहे थे। दोनों परिवार करीब 13 साल से पड़ोसी थे। यह गांव मुजफ्फरनगर से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है, जहां पिछले सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
महिला के परिवार ने दावा किया था कि उन्होंने शादी का प्रमाणपत्र नहीं देखा है। इसके बाद स्थानीय पंचायत ने इस युगल को एक-दूसरे से अलग होने का आदेश सुना दिया।
दानिश्ता अपने मां-बाप के घर लौट आई, लेकिन एक हफ्ते बाद जब वह अपने पति से मिलने चली गई तो उसके परिवार वाले बेहद नाराज हो गए। शनिवार को उसके भाई तालिब ने सरेआम तालिब पर तलवार से हमला कर उसकी हत्या कर दी। जब उसकी बहन ने उसे रोकना चाहा, तो तालिब ने उसका भी गला काट डाला।
पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। तालिब और उसकी मां नूरजहां ने पुलिस थाने में सरेंडर कर दिए, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। चार अन्य आरोपी - लड़की के दो भाई आसिफ और तस्लीम तथा उनके दोस्त जफरुद्दीन और अमीरुद्दीन फरार हैं।
हापुड़ के एसपी राजिन्दर कुमार का कहना है कि इस हत्या के पीछे जाति या धर्म का मामला नहीं है, क्योंकि महिला अपने ससुराल में चार महीने से रह रही थी... पंचायत का फरमान ठुकराने से नाराज महिला के परिवार वालों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
सोनू के पिता सत्यवान का कहना है कि हत्या पूर्व नियोजित थी। यह इलाका मुस्लिम बहुल है और सत्यवान अनुसूचित जाति का इकलौता परिवार है, जो वह रह रहा है। उसने कहा, मेरे बेटे की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई और कोई भी उसे बचाने नहीं आया। मुझे यहां खतरा महसूस हो रहा है, मैं गांव छोड़कर चला जाऊंगा।
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