
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के विभिन्न पहलुओं पर बात
14 सितंबर यानि हिन्दी दिवस - इस मौके पर हिन्दी से जुड़े कई पहलुओं पर एनडीटीवी खबर आपके लिए खास और दिलचस्प कहानियां और लेख लेकर आया है. #मैंऔरमेरीहिन्दी के साथ हमने कोशिश की है हिन्दी को सिर्फ किताबों और साहित्य तक सीमित न रखकर, उसके अलग अलग आयाम पर बात करने की. मसलन, किस तरह कार्टूनों में इस्तेमाल की जाने वाली हिन्दी ने बच्चों की भाषा को दुरस्त कर दिया. इतना अच्छा कर दिया कि माता-पिता भी हैरान हैं कि हमारे बच्चे को इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे.
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* यह हिन्दी क्विज़ खेलिए और जांचिए, कितनी हिन्दी जानते हैं आप...
* जब अंडर सेक्रेटरी को मज़ाक में कहते थे 'नीच सचिव'...
* 'शुक्रिया डोरेमॉन... हम हैरान हैं, बच्चे को इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे...'
* क्या अवचेतन की भाषा को भुला बैठे हैं हम
* लोकप्रिय भाषा के रूप में हिन्दी का 'कमबैक'
* इस तरह हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा बनते बनते रह गई
*'खिचड़ी' को 'चावल मिश्रित दाल' लिखने की क्या जरूरत...
*बचपन और ज्ञान की मौलिक भाषा
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वैसे हिन्दी को लेकर जो उठापटक चलती रहती है, वह नई नहीं है. यकीन न हो तो. हरिवंश राय बच्चन का यह अनुभव पढ़िए जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह विदेश मंत्रालय में नौकरी करने के दौरान उन्हें हिन्दी के प्रति अफसरों की उदासीनता झेलनी पड़ी थी. बच्चन, 'अंडर सेक्रेटरी' के पद पर कार्यरत थे और मज़ाक में कई लोग इस पद को हिन्दी में 'नीच सचिव' भी कह देते थे.
हिन्दी दिवस पर एक क्विज़
हालांकि धीरे धीरे हिन्दी का 'कमबैक' हो रहा है, वह एक नए कलेवर और फ्लेवर के साथ लोगों के बीच आ रही है. इस 'नई वाली हिन्दी' के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़िए जिसमें बताया गया है कि किस तरह नरेंद्र मोदी का हिन्दी बोलने से उन लोगों ने शर्म को त्याग दिया जिन्हें लगता था कि अंग्रेजी आए बगैर बात ही नहीं बन सकती.
इसके अलावा हिन्दी का यह क्विज़ भी खेलिए और जानिए कि आपकी हिन्दी कितनी अच्छी है. और लगे हाथ जानिए कि किस तरह हिन्दी हमारी 'राष्ट्रीय भाषा' बनते बनते रह गई. साथ ही यह दिलचस्प ब्लॉग जिसमें गांव देहात की बोली में हिन्दी के छौंक की बात की गई है.
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* यह हिन्दी क्विज़ खेलिए और जांचिए, कितनी हिन्दी जानते हैं आप...
* जब अंडर सेक्रेटरी को मज़ाक में कहते थे 'नीच सचिव'...
* 'शुक्रिया डोरेमॉन... हम हैरान हैं, बच्चे को इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे...'
* क्या अवचेतन की भाषा को भुला बैठे हैं हम
* लोकप्रिय भाषा के रूप में हिन्दी का 'कमबैक'
* इस तरह हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा बनते बनते रह गई
*'खिचड़ी' को 'चावल मिश्रित दाल' लिखने की क्या जरूरत...
*बचपन और ज्ञान की मौलिक भाषा
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वैसे हिन्दी को लेकर जो उठापटक चलती रहती है, वह नई नहीं है. यकीन न हो तो. हरिवंश राय बच्चन का यह अनुभव पढ़िए जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह विदेश मंत्रालय में नौकरी करने के दौरान उन्हें हिन्दी के प्रति अफसरों की उदासीनता झेलनी पड़ी थी. बच्चन, 'अंडर सेक्रेटरी' के पद पर कार्यरत थे और मज़ाक में कई लोग इस पद को हिन्दी में 'नीच सचिव' भी कह देते थे.
हिन्दी दिवस पर एक क्विज़
हालांकि धीरे धीरे हिन्दी का 'कमबैक' हो रहा है, वह एक नए कलेवर और फ्लेवर के साथ लोगों के बीच आ रही है. इस 'नई वाली हिन्दी' के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़िए जिसमें बताया गया है कि किस तरह नरेंद्र मोदी का हिन्दी बोलने से उन लोगों ने शर्म को त्याग दिया जिन्हें लगता था कि अंग्रेजी आए बगैर बात ही नहीं बन सकती.
इसके अलावा हिन्दी का यह क्विज़ भी खेलिए और जानिए कि आपकी हिन्दी कितनी अच्छी है. और लगे हाथ जानिए कि किस तरह हिन्दी हमारी 'राष्ट्रीय भाषा' बनते बनते रह गई. साथ ही यह दिलचस्प ब्लॉग जिसमें गांव देहात की बोली में हिन्दी के छौंक की बात की गई है.
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