निर्भया मामले के दो दोषियों विनय कुमार शर्मा और मुकेश के क्यूरेटिव पिटीशन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पांच जजों की बेंच सुप्रीम कोर्ट के चेंबर में इस मामले की सुनवाई करेगी. इस बेंच में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ़ नरीमन, जस्टिस आर बानुमित और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं. फांसी की सज़ा पाने वाले दो दोषियों मुकेश और विनय ने उनके ख़िलाफ़ जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने और फांसी की सज़ा को उम्र क़ैद में बदलने की अपील की है. साथ ही उनके मामले की सुनवाई खुली अदालत में करने की भी मांग है.
निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों को फंदे से लटकाने का अभ्यास तिहाड़ जेल में डमी पर किया जा चुका है, जिसकी जानकारी जेल अधिकारियों ने दी थी. दिल्ली की अदालत ने सात जनवरी को चारों दोषियों मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) का डेथ वॉरंट जारी किया था. अदालत ने चारों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का आदेश दिया है.
जेल अधिकारियों के एक दल ने रविवार को डमी को फांसी देने का अभ्यास किया था. जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दोषियों के वजन के मुताबिक ही डमी बनाई गई थी. डमी के बोरे में मलबा और पत्थर भरे थे. उन्होंने बताया कि दोषियों को जेल संख्या तीन में फांसी दी जाएगी. उप्र जेल प्रशासन ने पुष्टि कर दी है कि चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद को भेजा जाएगा.
तिहाड़ जेल प्रशासन ने उप्र जेल प्रशासन से दो जल्लाद भेजने का अनुरोध किया है. चारों दोषियों को एक ही वक्त पर फांसी दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि जेल के अधिकारी दोषियों से नियमित संवाद कायम रख रहे हैं ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहे.
इस बर्बर कांड के एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. जबकि एक अन्य दोषी नाबालिग था और तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था. (इनपुट भाषा से भी)
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