प्रतीकात्मक तस्वीर
गुवाहाटी:
35 वर्षीय साबर इंगलेंग की गिरफ्तारी के बाद असम सरकार ने राज्य में गैंडों के अवैध शिकार के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कामयाबी मिलने का दावा किया है. कहा जाता है कि उसने केवल 4 सालों में 20 से ज्यादा गैंडों को मारा है और वन विभाग के अधिकारियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था.
इंगलेंग को असम पुलिस की और राज्य के वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने कारबी आंगलोंग जिले से गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार शिकारी इस इलाके में अक्सर काजीरंगा नेशनल पार्क की सीमा से सटे घने जंगलों का इस्तेमाल अधिकारियों से छिपने और बचने के लिए करते हैं. इसी वर्ष अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद शिकारियों ने 14 गैंडों की जान ले ली.
अवैध बाजार में गैंडों के सींगों की जबरदस्त मांग और बेहद ऊंचे दाम इस इलाके में शिकार के धंधे को और ज्यादा आकर्षक बनाते हैं. सींगों की कीमत 1 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है. साथ इस इलाके से चीन और म्यांमार से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से नजदीकी भी एक वजह है.
हालांकि इंगलेंग की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को उम्मीद है कि शिकारियों के साथ इस लड़ाई में एक नया मोर्चा खुल गया है. उसपर शिकारियों के नेटवर्क का सरगना होने का शक है, उससे पूछताछ में उन शिकारियों के नाम मिल सकते हैं जो इलाके में सक्रिय हैं.
इस गिरफ्तारी को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे यह भी संदेश जाता है कि राज्य में सरकार अवैध शिकार को लेकर नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर रही है.
जुलाई में राज्य की वन मंत्री प्रोमिला रानी ब्रह्मा ने संरक्षित क्षेत्रों के करीब रहने वाले लोगों से अपील की थी कि वो अधिकारियों के साथ सहयोग करें ताकि अवैध शिकार को रोका जा सके.
इंगलेंग को असम पुलिस की और राज्य के वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने कारबी आंगलोंग जिले से गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार शिकारी इस इलाके में अक्सर काजीरंगा नेशनल पार्क की सीमा से सटे घने जंगलों का इस्तेमाल अधिकारियों से छिपने और बचने के लिए करते हैं. इसी वर्ष अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद शिकारियों ने 14 गैंडों की जान ले ली.
अवैध बाजार में गैंडों के सींगों की जबरदस्त मांग और बेहद ऊंचे दाम इस इलाके में शिकार के धंधे को और ज्यादा आकर्षक बनाते हैं. सींगों की कीमत 1 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है. साथ इस इलाके से चीन और म्यांमार से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से नजदीकी भी एक वजह है.
हालांकि इंगलेंग की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को उम्मीद है कि शिकारियों के साथ इस लड़ाई में एक नया मोर्चा खुल गया है. उसपर शिकारियों के नेटवर्क का सरगना होने का शक है, उससे पूछताछ में उन शिकारियों के नाम मिल सकते हैं जो इलाके में सक्रिय हैं.
इस गिरफ्तारी को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे यह भी संदेश जाता है कि राज्य में सरकार अवैध शिकार को लेकर नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर रही है.
जुलाई में राज्य की वन मंत्री प्रोमिला रानी ब्रह्मा ने संरक्षित क्षेत्रों के करीब रहने वाले लोगों से अपील की थी कि वो अधिकारियों के साथ सहयोग करें ताकि अवैध शिकार को रोका जा सके.
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