एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भारत चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान को लेकर सरकार पर हमला किया है. तनाव को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने मास्को में बृहस्पतिवार को बातचीत की. इस बातचीत में तनाव को कम करने के लिए पांच सूत्रीय योजना पर सहमति बनी है. ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मोदी सरकार ने 1000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर भारत के अधिकार का समर्पण कर दिया है? विदेश मंत्री ने चीन से अप्रैल से पहले वाली स्थिति में आने के लिए क्यों नहीं कहा?
ओवैसी ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में लिखा- "हमने विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान को देखा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन से लद्दाख में LAC पर अप्रैल से पहले वाली स्थिति में आने के बारे में क्यों नहीं कहा या फिर क्या विदेश मंत्री भी अपने बॉस PMO इंडिया से सहमत है कि कोई चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में आया ही नहीं."
Has the Modi Government surrendered India's right to
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 11, 2020
1000 sq km of land ?
China wishes border aggression can go on while investments,diplomacy & all else continues .India shouldn't agree to this
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा, क्या मोदी सरकार ने 1000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर भारत के अधिकार का समर्पण कर दिया है? चीन चाहता है कि बॉर्डर पर तनाव के बीच निवेश, कूटनीति और बाकी सभी चीजें बनी रहे। भारत को इस पर सहमत नहीं होना चाहिए.
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