हरियाणा के सिरसा में मंगलवार को कृषि कानून (Farm Laws) का विरोध कर रहे किसानों के एक समूह पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया. किसानों को ये समूह उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह के आवास की तरफ बढ़ रहा था. सिरसा में राम लीला ग्राउंड के पास चौटाला के घर से महज 200 मीटर की दूरी पर किसानों का समूह पुलिस की बैरिकैडिंक को पार करने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद पुलिस ने इनपर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें भी छोड़ी.
उप-मुख्यमंत्री के घर जाने में नाकाम रहने के बाद किसान सिरसा-बरनाला हाईवे पर धरने पर बैठ गए और दोनों नेताओं पर किसानों के 'मसीहा' देवी लाल की छवि खराब करने का आरोप लगाया. नेताओं के घरों की तरफ बढ़ने से पहले 17 अलग-अलग किसान संघों से जुड़े किसानों ने हरियाणा किसान मंच के नेतृत्व में रामलीला मैदान पर एक 'महापंचायत' की था. इस बैठक में हरियाणा भारतीय किसान संघ के मुखिया गुरनाम सिंह, स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव हरियाणा किसान मंच के राष्ट्रपति प्रह्लाद सिंह शामिल थे. इस बैठक के बाद 17 संघों के कई किसान चौटाला के घरों की तरफ बढ़े, हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
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चौटाला परिवार से आने वाले चाचा-भतीजे की इस जोड़ी पर अपना गुस्सा उतारते हुए भारतीय किसान संघ के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि जहां देवी लाल हमेशा किसानों के हित के लिए लड़ते थे, वहीं रंजीत चौटाला और उनके भतीजे दुष्यंत चौटाला किसानों का 'हिता भुलाकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं.' हरियाणा किसान मंच के अध्यक्ष प्रह्लाद सिंह ने कहा, 'दुष्यंत चौटाला और रंजीत चौटाला दोनों ही किसानों के मसीहा देवी लाल के नाम का गलत इस्तेमाल करके किसानों के नाम का अपमान कर रहे हैं.' केंद्र के कृषि कानूनों को किसान-विरोधी बताते हुए योगेंद्र यादव ने दोनों मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की.
Video: सिरसा में भी किसानों का आंदोलन
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