हरियाणा के निवासियों को प्राइवेट सेक्टर की जॉब ( Job Reservation) में 75 प्रतिशत कोटे का मामला में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंध्र प्रदेश और झारखंड में लागू कानूनों के बारे में जानकारी मांगी है. अदालत ने कहा कि इनका ब्योरा अदालत को दिया जाए, फिर तय करेंगे कि क्या सारे मामले एक साथ सुने जाएं. इस मामले में 14 फरवरी को सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि हमने अखबार में पढ़ा है कि ऐसे ही कानून आंध्र प्रदेश और झारखंड में भी बनाए गए हैं. इनको भी संबंधित हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. अब ऐसे कानूनों की वैधता पर तीन हाईकोर्ट सुनवाई कर रहे हैं. हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से कह सकते हैं कि वो सभी पक्षों को सुन लें. हम इस अंतरिम आदेश पर क्या कह सकते हैं.
हरियाणा की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम अन्य राज्यों के मामलों का पता लगाएंगे. इसके बाद ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट को देंगे. हरियाणा के निवासियों को प्राइवेट सेक्टर के जॉब में 75 प्रतिशत कोटे के मामले में राज्य की खट्टर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है. हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी है.
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने सिर्फ एक मिनट 30 सेकेंड की सुनवाई में ये फैसला जारी कर दिया. इस दौरान राज्य के वकील को नहीं सुना गया.ये फैसला प्राकृतिक न्याय के भी खिलाफ है. हाईकोर्ट का फैसला टिकने वाला नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए. मामले में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI एनवी रमना को बताया, हाईकोर्ट ने सिर्फ 90 सेकेंड मुझे सुनने के बाद फैसला दिया और कानून पर रोक लगा दी. आदेश अभी आया नहीं है. हम फैसले की कॉपी लगाएंगे. मामले में सोमवार को सुनवाई की जाए. इस पर CJI ने कहा था कि अगर फैसले की कॉपी आती है तो सोमवार को सुनवाई करेंगे
.गौरतलब है कि HC ने गुरुवार को हरियाणा सरकार को झटका देते हुए राज्य के निवासियों को प्राइवेट सेक्टर जॉब में 75 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय पर रोक लगा दी है. हरियाणा के इस आदेश को फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए चुनौती दी थी और इसे रद्द करने की हाईकोर्ट से मांग की थी. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी और इस पर सरकार को जवाब दिए जाने के आदेश दिए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं