हरियाणा ने जाट आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए केंद्र से मदद मांगी है (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर हरियाणा में चल रहे जाटों के आंदोलन को लेकर चल रही हलचल अब केंद्र तक पहुंच गई है. हरियाणा सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर कह दिया है कि धीरे-धीरे जहां-जहां विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं वहां भीड़ बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार ने केंद्र से मदद भी मांगी है.
एक वरिष्ठ अफसर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि "अब हरियाणा सरकार चाहती है कि उसे सुरक्षा बलों की 56 कम्पनियां और दी जाएं क्योंकि हालत बिगड़ रही है." उनके मुताबिक करीब 40 कम्पनियां पहले ही केंद्र हरियाणा भेज चुका है.
दरअसल पिछले साल जो कुछ जाट आंदोलन के दौरान हुआ, स्थिति दुबारा वैसी न बिगड़ जाए इसलिए केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगती रही है.
उधर अभी तक धरने शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन जाट नेताओं ने धमकी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में वे 19 फरवरी से अपना आंदोलन तेज करेंगे. जाट नेता यशपाल मलिक का कहना है कि राज्य के 19 जिलों में धरने का आयोजन जोर शोर से किया जाएगा. उनके मुताबिक जब तक पिछले साल हुए आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस नहीं लिए जाते और बंद आंदोलनकारियों को रिहा नहीं किया जाता तब तक बात राज्य सरकार और उनके बीच बनेगी नहीं.
पिछले साल फरवरी में आंदोलन के हिंसक रूप लेने के मद्देनज़र राज्य प्रशासन इस बार सतर्क है.
एक वरिष्ठ अफसर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि "अब हरियाणा सरकार चाहती है कि उसे सुरक्षा बलों की 56 कम्पनियां और दी जाएं क्योंकि हालत बिगड़ रही है." उनके मुताबिक करीब 40 कम्पनियां पहले ही केंद्र हरियाणा भेज चुका है.
दरअसल पिछले साल जो कुछ जाट आंदोलन के दौरान हुआ, स्थिति दुबारा वैसी न बिगड़ जाए इसलिए केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगती रही है.
उधर अभी तक धरने शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन जाट नेताओं ने धमकी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में वे 19 फरवरी से अपना आंदोलन तेज करेंगे. जाट नेता यशपाल मलिक का कहना है कि राज्य के 19 जिलों में धरने का आयोजन जोर शोर से किया जाएगा. उनके मुताबिक जब तक पिछले साल हुए आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस नहीं लिए जाते और बंद आंदोलनकारियों को रिहा नहीं किया जाता तब तक बात राज्य सरकार और उनके बीच बनेगी नहीं.
पिछले साल फरवरी में आंदोलन के हिंसक रूप लेने के मद्देनज़र राज्य प्रशासन इस बार सतर्क है.
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