श्रीनगर:
उत्तरी कश्मीर के छोटे से शहर हंदवाड़ा में आगजनी और हिंसा के एक सप्ताह बाद फिर से स्कूल खुल गए, लेकिन 16 वर्षीय लड़की, जिसने सेना के एक जवान पर छेड़छाड़ के आरोप लगाया था, अपनी क्लास में नहीं पहुंची।
पिछले मंगलवार, पुलिस ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें लड़की कह रही थी कि 'वह एक सेना का जवान नहीं था, लेकिन एक दुकानदार और अन्य युवक था, जिन्होंने उसे स्कूल से घर जाते वक्त परेशान करने की कोशिश की। '
लड़की की नाराज मां ने कहा, 'उस पर अपना बयान बदलने के लिए दबाव बनाया गया।' उनका कहना है कि 'फुटेज में किशोरी की पहचान को छुपाने और उसकी सुरक्षा के लिहाज से उसके चेहरे को नकाबपोश भी नहीं किया गया।' वहीं, सहपाठियों ने कहा कि 'लड़की ने वास्तविकता को दबा दिया, उसे सच बोलना चाहिए।'
उधर, लड़की के स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि 'उसे (आरोप लगाने वाली छात्रा को) अपनी सामान्य दिनचर्या वापस मिलनी चाहिए और वह खुद को अकेला महसूस नहीं करेगी।'
उल्लेखनीय है कि सेना के जवान पर लड़की द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद हंदवाड़ा में बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हुए, जिसमें तीन लोग मारे गए और हजारों लोगों ने सुरक्षा बलों के जवानों पर भी पथराव किया, जबकि एक 20 फीट ऊंचे सेना के बंकर में आग तक लगा डाली गई। इस दौरान एक युवा क्रिकेटर की गोली लगने से मौत भी हुई, जिसके बाद विरोध-प्रदर्शनों की आग और भड़की।हंदवाड़ा, इस क्षेत्र में एक ऐसी दुर्लभ जगह है, जहां पिछले डेढ़ दशक से शांति कायम थी।
शनिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश के दौरान लड़की ने कहा था कि उस पर हमला करने में कोई सैनिक शामिल नहीं था। पुलिस के अनुसार, वह अपने पिता और आंटी के साथ सुरक्षात्मक कस्टडी में है।
पिछले मंगलवार, पुलिस ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें लड़की कह रही थी कि 'वह एक सेना का जवान नहीं था, लेकिन एक दुकानदार और अन्य युवक था, जिन्होंने उसे स्कूल से घर जाते वक्त परेशान करने की कोशिश की। '
लड़की की नाराज मां ने कहा, 'उस पर अपना बयान बदलने के लिए दबाव बनाया गया।' उनका कहना है कि 'फुटेज में किशोरी की पहचान को छुपाने और उसकी सुरक्षा के लिहाज से उसके चेहरे को नकाबपोश भी नहीं किया गया।' वहीं, सहपाठियों ने कहा कि 'लड़की ने वास्तविकता को दबा दिया, उसे सच बोलना चाहिए।'
उधर, लड़की के स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि 'उसे (आरोप लगाने वाली छात्रा को) अपनी सामान्य दिनचर्या वापस मिलनी चाहिए और वह खुद को अकेला महसूस नहीं करेगी।'
उल्लेखनीय है कि सेना के जवान पर लड़की द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद हंदवाड़ा में बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हुए, जिसमें तीन लोग मारे गए और हजारों लोगों ने सुरक्षा बलों के जवानों पर भी पथराव किया, जबकि एक 20 फीट ऊंचे सेना के बंकर में आग तक लगा डाली गई। इस दौरान एक युवा क्रिकेटर की गोली लगने से मौत भी हुई, जिसके बाद विरोध-प्रदर्शनों की आग और भड़की।हंदवाड़ा, इस क्षेत्र में एक ऐसी दुर्लभ जगह है, जहां पिछले डेढ़ दशक से शांति कायम थी।
शनिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश के दौरान लड़की ने कहा था कि उस पर हमला करने में कोई सैनिक शामिल नहीं था। पुलिस के अनुसार, वह अपने पिता और आंटी के साथ सुरक्षात्मक कस्टडी में है।
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