नई दिल्ली:
केरल के कथित लव जेहाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया को बड़ी राहत दी. 25 साल की अखीला अब हादिया मां-पिता से अलग हॉस्टल में रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेगी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान स्थानीय अभिभावक के बारे में सवाल पूछा तो हादिया का जवाब सुनकर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कोई पति अपनी पत्नी का अभिभावक नहीं हो सकता. पत्नी कोई जायदाद नहीं होती. जीवन और समाज में उसकी अपनी पहचान होती है. मैं भी अपनी पत्नी का अभिभावक नहीं हूं. कृपया उसे समझाएं.
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हादिया के पिता अशोकन के एम की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि उनकी बेटी से बंद कमरे में सवाल किए जाएं, क्योंकि यह बड़े सांगठनिक समर्थन से लड़की को सिखाने-पढ़ाने का मामला है. उन्होंने दावा किया कि वहां सांप्रदायिक तौर पर काफी आवेशित माहौल है जिसके व्यापक परिणाम हो सकते हैं. दीवान ने विदेश में बसे आईएसआईएस के एक सदस्य और हदिया के पति के बीच कथित बातचीत का लिखित रूप पेश किया और कहा कि इससे पता चलता है कि शफीन के रिश्ते पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नाम के एक संगठन से है और जमीनी स्तर पर सिखा-पढ़ाकर कट्टर बनाने की बड़ी साजिश चल रही है.
पढ़ें: केरल लव जिहाद केस : SC ने पूछा- क्या ऐसा कोई कानून है कि किसी अपराधी के साथ बालिग लड़की प्यार या शादी नहीं कर सकती
हादिया के पति के वकील सिब्बल ने कहा कि सिखाना-पढ़ाना कैसा? वह पिछले 11 महीने से अपने माता-पिता के साथ रही है. राष्ट्रीय महिला आयोग, एनआईए सबने उससे पूछताछ की लेकिन राज्य महिला आयोग को अनुमति नहीं दी गई. वह अपने मन की बात करने के लिए आजाद है और उसकी अपनी स्वायत्तता है और अदालत को उसे सुनना चाहिए. न्यायालय ने कहा कि सवाल यह है कि पहले क्या आता है. हमें पहले उस पर फैसला करना है. उसके पिता कहते हैं कि यह बड़ी साजिश है, लेकिन यह दो वयस्कों के बीच का मामला भी है. क्या इस मामले का अन्य मामलों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि किस चरण में किसी व्यक्ति की स्वायत्तता का उल्लंघन होता है, इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं और किस समय अदालतें दखल दे सकती हैं.
पढ़ें: लव जिहाद मामला : NIA अधिकारियों ने हादिया का बयान दर्ज किया
इससे पहले सोमवार को हादिया ने चीफ जस्टिस वाली तीन जजों की बेंच से कहा था कि मुझे मेरी आजादी चाहिए. इससे पहले कोर्ट में यह बहस भी चली कि हादिया से बात की जाए या नहीं. केरल से अपने मां-पिता की निगरानी में दिल्ली पहुंची हादिया को सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने अपनी बात रखने के लिए ख़ासा इंतज़ार करना पड़ा. करीब पौने दो घंटे अदालत में ये बहस चली कि हादिया से बात की जाए या नहीं. फिर आख़िरकार बात हुई.
सुप्रीम कोर्ट में हादिया की पेशी पर सवाल-जवाब
जज: आपने कौन से स्कूल में पढ़ाई की?
जज: आपने डॉक्टरी पेशे को कैसे चुना?
जज: क्या आप दूसरों को दवा भी देती हैं?
जस्टिस चंद्रचूड़: आपकी भविष्य की क्या योजना है?
हादिया: मुझे अपनी आज़ादी चाहिए.
चीफ़ जस्टिस: अगर सरकार खर्चा दे तो क्या पढ़ाई जारी रखना चाहती हो?
हादिया: मेरा पति मेरा खर्च उठा सकता है, सरकारी पैसे की ज़रूरत नहीं.
हादिया: मुझे 11 महीने तक ग़ैरकानूनी हिरासत में रखा गया.
हादिया: मैंने BHMS किया है लेकिन इंटर्नशिप नहीं कर पाई, पूरी करना चाहती हूं.
पढ़ें: लव जिहाद मामला : NIA अधिकारियों ने हादिया का बयान दर्ज किया
इसके पहले इस बात पर तीखी बहस चली कि हादिया की बात सुनी जाए या नहीं. हादिया के शौहर शफ़ीन जहां की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये बालिग लड़की की आज़ादी का मामला है, इसे खुली अदालत में सुना जाए और हदिया को उसके पिता की हिरासत में नहीं रखा जा सकता. दूसरी तरफ़ एनआईए इसे लव जेहाद बताने पर अड़ा रहा. उसने दलील दी कि ऐसे दस और मामलों की जांच हो रही है. उसके पास सबूत हैं कि ये पुख्ता पैटर्न है.
आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया कि तमिलनाडु के सेलम कॉलेज में हादिया पढ़ाई पूरी करे. केरल सरकार उसे कॉलेज भेजने की व्यवस्था करे और कॉलेज फिर से दाख़िला और हॉस्टल दें. हादिया के शौहर ने इस फ़ैसले पर संतोष जताया. लेकिन अभी भी इस केस में मूल मुद्दा बाकी है. इस पर जनवरी के तीसरे हफ़्ते में सुनवाई होगी.
VIDEO: लव जिहाद मामला : हादिया को माता-पिता से चाहिए आजादी
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हादिया के पिता अशोकन के एम की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि उनकी बेटी से बंद कमरे में सवाल किए जाएं, क्योंकि यह बड़े सांगठनिक समर्थन से लड़की को सिखाने-पढ़ाने का मामला है. उन्होंने दावा किया कि वहां सांप्रदायिक तौर पर काफी आवेशित माहौल है जिसके व्यापक परिणाम हो सकते हैं. दीवान ने विदेश में बसे आईएसआईएस के एक सदस्य और हदिया के पति के बीच कथित बातचीत का लिखित रूप पेश किया और कहा कि इससे पता चलता है कि शफीन के रिश्ते पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नाम के एक संगठन से है और जमीनी स्तर पर सिखा-पढ़ाकर कट्टर बनाने की बड़ी साजिश चल रही है.
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हादिया के पति के वकील सिब्बल ने कहा कि सिखाना-पढ़ाना कैसा? वह पिछले 11 महीने से अपने माता-पिता के साथ रही है. राष्ट्रीय महिला आयोग, एनआईए सबने उससे पूछताछ की लेकिन राज्य महिला आयोग को अनुमति नहीं दी गई. वह अपने मन की बात करने के लिए आजाद है और उसकी अपनी स्वायत्तता है और अदालत को उसे सुनना चाहिए. न्यायालय ने कहा कि सवाल यह है कि पहले क्या आता है. हमें पहले उस पर फैसला करना है. उसके पिता कहते हैं कि यह बड़ी साजिश है, लेकिन यह दो वयस्कों के बीच का मामला भी है. क्या इस मामले का अन्य मामलों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि किस चरण में किसी व्यक्ति की स्वायत्तता का उल्लंघन होता है, इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं और किस समय अदालतें दखल दे सकती हैं.
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इससे पहले सोमवार को हादिया ने चीफ जस्टिस वाली तीन जजों की बेंच से कहा था कि मुझे मेरी आजादी चाहिए. इससे पहले कोर्ट में यह बहस भी चली कि हादिया से बात की जाए या नहीं. केरल से अपने मां-पिता की निगरानी में दिल्ली पहुंची हादिया को सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने अपनी बात रखने के लिए ख़ासा इंतज़ार करना पड़ा. करीब पौने दो घंटे अदालत में ये बहस चली कि हादिया से बात की जाए या नहीं. फिर आख़िरकार बात हुई.
सुप्रीम कोर्ट में हादिया की पेशी पर सवाल-जवाब
जज: आपने कौन से स्कूल में पढ़ाई की?
जज: आपने डॉक्टरी पेशे को कैसे चुना?
जज: क्या आप दूसरों को दवा भी देती हैं?
जस्टिस चंद्रचूड़: आपकी भविष्य की क्या योजना है?
हादिया: मुझे अपनी आज़ादी चाहिए.
चीफ़ जस्टिस: अगर सरकार खर्चा दे तो क्या पढ़ाई जारी रखना चाहती हो?
हादिया: मेरा पति मेरा खर्च उठा सकता है, सरकारी पैसे की ज़रूरत नहीं.
हादिया: मुझे 11 महीने तक ग़ैरकानूनी हिरासत में रखा गया.
हादिया: मैंने BHMS किया है लेकिन इंटर्नशिप नहीं कर पाई, पूरी करना चाहती हूं.
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इसके पहले इस बात पर तीखी बहस चली कि हादिया की बात सुनी जाए या नहीं. हादिया के शौहर शफ़ीन जहां की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये बालिग लड़की की आज़ादी का मामला है, इसे खुली अदालत में सुना जाए और हदिया को उसके पिता की हिरासत में नहीं रखा जा सकता. दूसरी तरफ़ एनआईए इसे लव जेहाद बताने पर अड़ा रहा. उसने दलील दी कि ऐसे दस और मामलों की जांच हो रही है. उसके पास सबूत हैं कि ये पुख्ता पैटर्न है.
आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया कि तमिलनाडु के सेलम कॉलेज में हादिया पढ़ाई पूरी करे. केरल सरकार उसे कॉलेज भेजने की व्यवस्था करे और कॉलेज फिर से दाख़िला और हॉस्टल दें. हादिया के शौहर ने इस फ़ैसले पर संतोष जताया. लेकिन अभी भी इस केस में मूल मुद्दा बाकी है. इस पर जनवरी के तीसरे हफ़्ते में सुनवाई होगी.
VIDEO: लव जिहाद मामला : हादिया को माता-पिता से चाहिए आजादी
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