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This Article is From Apr 12, 2022

शरद पवार के घर पर हमले के मामले में गुणरत्न सदावर्ते की पुलिस हिरासत 13 अप्रैल तक बढ़ी

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर हुए हमले के मामले में गिरफ्तार एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते को 13 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया

शरद पवार के घर पर हमले के मामले में गुणरत्न सदावर्ते की पुलिस हिरासत 13 अप्रैल तक बढ़ी
वकील गुणरत्न सदावर्ते (फाइल फोटो).
मुंबई:

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर हुए हमले के मामले में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार एसटी कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते को अदालत ने 13 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. अदालत में पुलिस ने बताया कि इस मामले में और लोग भी जुड़े हो सकते हैं. दरअसल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर हुए हमले में गिरफ्तार एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया.

इस दौरान कोर्ट में पुलिस की ओर से कहा गया कि गुणरत्न सदावर्ते जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिस दिन शरद पवार के घर हमला हुआ, उस दिन सुबह से ही यह कई आरोपियों के संपर्क में थे. उस दिन नागपुर में भी एक शख्स के संपर्क में सदावर्ते थे और उनसे व्हाट्सऐप के ज़रिए बात की गई. नागपुर वाले शख्स ने हमले से पहले दोपहर डेढ़ बजे मैसेज कर पत्रकार को बुलाने को कहा था.

पुलिस ने कहा कि व्हाट्सऐप के ज़रिए भड़काऊ मैसेज भेजे गए. 31 मार्च से पहले के मैसेज फोन में मौजूद नहीं हैं, उन्हें खंगालने की कोशिश जारी है. सदावर्ते ने एसटी कर्मचारियों से 1 करोड़ 80 लाख रुपये इकट्ठे किए, उस रकम का क्या किया गया, इसकी जांच की जा रही है. मामले में और चार लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जानी है. 

वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि जब किसी एसटी कर्मचारी ने पैसों के दुरुपयोग की शिकायत नहीं की तो उसका ज़िक्र क्यों किया जा रहा है. एसटी कर्मचारी सदावर्ते के क्लाइंट हैं, इसलिए उनसे यह लगातार संपर्क में हैं. हमले के समय सदावर्ते अदालत में एक दूसरे मामले की पैरवी कर रहे थे. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने गुणरत्न सदावर्ते को 13 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

सरकारी वकील प्रदीप घरात ने बताया कि जो पुलिस को दो दिन दिए थे कि जांच में कुछ प्रोग्रेस दिखाए,उसमें बहुत कुछ सामने आया है. दो महत्त्वपूर्ण घटना है, एक तो यह कि अप्रैल से पहले इस्तेमाल करने वाले फोन को देने से आरोपी ने मना किया है या उन्होंने उसे नष्ट कर दिया है. उन्होंने हर एक कर्मचारी से 550 रुपये के आधार पर 1 करोड़ 80 लाख रुपये जमा किए. उसकी जांच की जानी है.

उधर, कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया कि हमले से पहले शरद पवार के घर की रेकी की गई थी. वहीं संजय राउत ने भी कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि शरद पवार के घर पर उस समय वो खुद, प्रतिभा ताई और उनके पोते थे. जिन्होंने भी यह साज़िश रची, उन्हें माफ नहीं किया जाएगा.

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