अहमदाबाद:
टोल टैक्स से बचने के लिए बंदूक लहराने वाले पोरबंदर के कांग्रेस सांसद विट्ठल रदाड़िया की गुजरात उच्च न्यायालय ने खिंचाई की और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसद इस तरीके से व्यवहार करते हैं।
टोल प्लाजा के प्रबंधक अजय सिंह ठाकोर द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को खत्म करने की सांसद की याचिका पर उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा था। घटना 12 अक्टूबर की सुबह की है।
न्यायमूर्ति आरएच शुक्ला ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसद जैसे लोग जो कानून बनाते हैं, इस तरीके से व्यवहार कर रहे हैं और खुलेआम अपनी बंदूक तान रहे हैं।’ अदालत ने रदाड़िया के वकील के तर्क सुनने के बाद यह बात कही। वकील ने कहा कि बंदूक उनकी आत्मरक्षा के लिए थी और उनके पास इसका लाइसेंस था।
अदालत ने आगे कहा कि किसी बंदूक का लाइसेंस होने का मतलब नहीं है कि आम आदमी को धमकाया जाए। इसने कहा, ‘क्यों नहीं जांच की अनुमति दी जाए जिससे इस तरह के व्यवहार के लिए संदेश दिया जा सके?’ इससे पहले ठाकोर के प्रतिनिधि एक वकील ने अदालत से कहा कि वह रदाड़िया के खिलाफ प्राथमिकी के लिए दबाव नहीं बनाएंगे।
बहरहाल, राज्य सरकार ने रदाड़िया की याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि अगर शिकायतकर्ता प्राथमिकी पर आगे नहीं भी बढ़ता है तो राज्य सरकार इस पर आगे बढ़ेगी क्योंकि आरोपी का कृत्य जिम्मेदार लोक सेवक जैसा नहीं था।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच नवम्बर तय की है।
टोल प्लाजा के प्रबंधक अजय सिंह ठाकोर द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को खत्म करने की सांसद की याचिका पर उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा था। घटना 12 अक्टूबर की सुबह की है।
न्यायमूर्ति आरएच शुक्ला ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसद जैसे लोग जो कानून बनाते हैं, इस तरीके से व्यवहार कर रहे हैं और खुलेआम अपनी बंदूक तान रहे हैं।’ अदालत ने रदाड़िया के वकील के तर्क सुनने के बाद यह बात कही। वकील ने कहा कि बंदूक उनकी आत्मरक्षा के लिए थी और उनके पास इसका लाइसेंस था।
अदालत ने आगे कहा कि किसी बंदूक का लाइसेंस होने का मतलब नहीं है कि आम आदमी को धमकाया जाए। इसने कहा, ‘क्यों नहीं जांच की अनुमति दी जाए जिससे इस तरह के व्यवहार के लिए संदेश दिया जा सके?’ इससे पहले ठाकोर के प्रतिनिधि एक वकील ने अदालत से कहा कि वह रदाड़िया के खिलाफ प्राथमिकी के लिए दबाव नहीं बनाएंगे।
बहरहाल, राज्य सरकार ने रदाड़िया की याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि अगर शिकायतकर्ता प्राथमिकी पर आगे नहीं भी बढ़ता है तो राज्य सरकार इस पर आगे बढ़ेगी क्योंकि आरोपी का कृत्य जिम्मेदार लोक सेवक जैसा नहीं था।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच नवम्बर तय की है।
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