गुजरात हाई कोर्ट.
नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता अहमद पटेल की याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से कहा है कि वह अहमद पटेल की याचिका पर सुनवाई करे जिसमें उन्होंने कहा है कि बलवंत सिंह राजपूत की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अहमद पटेल की याचिका पर सुनवाई की जरूरत है. दरसअल अहमद पटेल ने बलवंत सिंह द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बलवंत सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि अहमद पटेल ने गलत तरीके से राज्यसभा का चुनाव जीता है.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की बेंच ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के तर्क और बलवंतसिंह राजपूत के वकील, जो राज्यसभा चुनावों हार गए थे, उनकी दलीलों के बाद 18 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था.
जुलाई में अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय को निर्देश देकर पटेल को राहत दे दी थी कि हाईकोर्ट फिलहाल आगे सुनवाई न करे. बीजेपी के उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी के विवाद के बाद विद्रोही कांग्रेस विधायकों द्वारा दो मतों को अवैध करने के चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाया था.
राजपूत ने पटेल पर बंगाल में एक रिसॉर्ट में 44 विधायकों को बंदी बनाकर भ्रष्ट प्रथाओं में शामिल होने का आरोप लगाया. राजपूत ने ईसी के फैसले के खिलाफ अदालत में चुनौती दी और कहा था कि चुनाव अधिकारी ने दो मतों को वैध मानने के लिए अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल किया जबकि ईसी के पास किसी भी वोट को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी को कोई निर्देश जारी करने की कोई शक्ति नहीं है. चुनाव आयोग ने पूर्व कांग्रेस विधायकों राघवजी पटेल और भोलाभाई गोहेल के वोटों को अवैध कर दिया था.
पटेल ने राजपूत की याचिका को चुनौती दी थी और कानून के तहत आवश्यक याचिका की एक सत्यापित प्रतिलिपि न देने के लिए शुरुआत में ही इसे खारिज करने की मांग की थी. उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करने से इनकार करते हुए उन्हें और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया.
उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कानून के प्रावधानों का काफी पालन किया है और दोषों को आसानी से ठीक किया जा सकता है और मुकदमे के लिए राजपूत की चुनाव याचिका का आदेश दिया जा सकता है. पटेल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और गुजरात हाईकोर्ट के चुनाव याचिका की सुनवाई करने के फैसले को रद्द रने की मांग की.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अहमद पटेल की याचिका पर सुनवाई की जरूरत है. दरसअल अहमद पटेल ने बलवंत सिंह द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बलवंत सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि अहमद पटेल ने गलत तरीके से राज्यसभा का चुनाव जीता है.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की बेंच ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के तर्क और बलवंतसिंह राजपूत के वकील, जो राज्यसभा चुनावों हार गए थे, उनकी दलीलों के बाद 18 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था.
जुलाई में अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय को निर्देश देकर पटेल को राहत दे दी थी कि हाईकोर्ट फिलहाल आगे सुनवाई न करे. बीजेपी के उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी के विवाद के बाद विद्रोही कांग्रेस विधायकों द्वारा दो मतों को अवैध करने के चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाया था.
राजपूत ने पटेल पर बंगाल में एक रिसॉर्ट में 44 विधायकों को बंदी बनाकर भ्रष्ट प्रथाओं में शामिल होने का आरोप लगाया. राजपूत ने ईसी के फैसले के खिलाफ अदालत में चुनौती दी और कहा था कि चुनाव अधिकारी ने दो मतों को वैध मानने के लिए अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल किया जबकि ईसी के पास किसी भी वोट को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी को कोई निर्देश जारी करने की कोई शक्ति नहीं है. चुनाव आयोग ने पूर्व कांग्रेस विधायकों राघवजी पटेल और भोलाभाई गोहेल के वोटों को अवैध कर दिया था.
पटेल ने राजपूत की याचिका को चुनौती दी थी और कानून के तहत आवश्यक याचिका की एक सत्यापित प्रतिलिपि न देने के लिए शुरुआत में ही इसे खारिज करने की मांग की थी. उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करने से इनकार करते हुए उन्हें और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया.
उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कानून के प्रावधानों का काफी पालन किया है और दोषों को आसानी से ठीक किया जा सकता है और मुकदमे के लिए राजपूत की चुनाव याचिका का आदेश दिया जा सकता है. पटेल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और गुजरात हाईकोर्ट के चुनाव याचिका की सुनवाई करने के फैसले को रद्द रने की मांग की.
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