कुछ किसान संगठन सिंचाई के लिए नर्मदा का ज्यादा पानी देने की भी मांग कर रहे हैं
अहमदाबाद:
गुजरात में भी किसानों के विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया गया. इस विरोध की अगुवाई की ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकुर ने, मांग थी महाराष्ट्र की तर्ज पर गुजरात में भी किसानों की कर्जमाफी हो. अल्पेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार की कृषि नीति विफल रही है और इस वजह से गुजरात के 63 लाख किसानों में से 43 लाख किसानों पर कर्ज है. कर्ज से दबे हुए किसान कहीं आत्महत्या कर रहे हैं तो कहीं बेहाल हैं. कुछ किसान संगठन सिंचाई के लिए नर्मदा का ज्यादा पानी देने की भी मांग कर रहे हैं. साथ ही ये भी कि ज्यादातर कृषी उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले कई समय से वृद्धि नहीं हुई है जिससे किसान परेशान हैं.
स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी के मुताबिक गुजरात में किसानों ने करीब 72,000 करोड़ का बैंक लोन लिया हुआ है, जिसमें से करीब 40,000 करोड़ फसल बीमा है और अन्य टर्म लोन. सरकार कहती है कि गुजरात में कोई समस्या नहीं है लेकिन उन्हें उकसाया जा रहा है.
सरकार के प्रवक्ता शंकर चौधरी ने कहा कि ये अल्पेश ठाकुर द्वारा राजनीति से प्रेरित कार्यक्रम है. साथ ही ये भी कि दूध बंद करने की उसकी घोषणा का किसानों ने समर्थन नहीं किया. दूध की किल्लत भी कहीं नजर नहीं आई. इससे लगता है कि फिलहाल तो मामला गंभीर नहीं है लेकिन चुनावी साल में राज्य सरकार चौकन्नी जरूर है.
स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी के मुताबिक गुजरात में किसानों ने करीब 72,000 करोड़ का बैंक लोन लिया हुआ है, जिसमें से करीब 40,000 करोड़ फसल बीमा है और अन्य टर्म लोन. सरकार कहती है कि गुजरात में कोई समस्या नहीं है लेकिन उन्हें उकसाया जा रहा है.
सरकार के प्रवक्ता शंकर चौधरी ने कहा कि ये अल्पेश ठाकुर द्वारा राजनीति से प्रेरित कार्यक्रम है. साथ ही ये भी कि दूध बंद करने की उसकी घोषणा का किसानों ने समर्थन नहीं किया. दूध की किल्लत भी कहीं नजर नहीं आई. इससे लगता है कि फिलहाल तो मामला गंभीर नहीं है लेकिन चुनावी साल में राज्य सरकार चौकन्नी जरूर है.
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