प्रतीकात्मक चित्र
अहमदाबाद:
गुजरात राज्य चुनाव आयोग ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य के विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव को स्थगित करने की घोषणा की है। आयोग ने एक अधिसूचना जारी कर यह घोषणा की। वैसे अधिसूचना में कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले सटीक कारणों का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन माना जाता है कि आयोग पटेल आरक्षण आंदोलन से राज्य में मौजूद स्थिति को लेकर चिंतित है।
इस बीच, आयोग के इस फैसले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस की गुजरात इकाई ने कहा है कि वह इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग बीजेपी के हाथों में खेल रहा है और सत्ताधारी पार्टी के हितों का ख्याल रखने के लिए जानबूझकर चुनाव टाले गए हैं।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ऐसा निर्णय दिखाता है कि आयोग बीजेपी सरकार का पिट्ठू बन गया है। हम उस आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का रुख करेंगे, जिसने नागरिकों के मताधिकार को छीन लिया है।
इससे पहले, राज्य सूचना आयोग में सचिव महेश जोशी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नगर निकाय और जिला पंचायतों समेत स्थानीय निकायों का चुनाव कराने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद तीन महीने के अंदर किया जाएगा।
इस बीच, आयोग के इस फैसले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस की गुजरात इकाई ने कहा है कि वह इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग बीजेपी के हाथों में खेल रहा है और सत्ताधारी पार्टी के हितों का ख्याल रखने के लिए जानबूझकर चुनाव टाले गए हैं।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ऐसा निर्णय दिखाता है कि आयोग बीजेपी सरकार का पिट्ठू बन गया है। हम उस आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का रुख करेंगे, जिसने नागरिकों के मताधिकार को छीन लिया है।
इससे पहले, राज्य सूचना आयोग में सचिव महेश जोशी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नगर निकाय और जिला पंचायतों समेत स्थानीय निकायों का चुनाव कराने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद तीन महीने के अंदर किया जाएगा।
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