मुस्लिम समुदाय के मशहूर लोगों के एक समूह ने अल्पसंख्यकों का विश्वास हासिल करने की आवश्यकता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी की सराहना की और उनसे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास के मुद्दों पर ‘तत्काल ध्यान' देने का उनसे अनुरोध किया. मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने भाजपा सांसदों के साथ पहली बैठक में उनके भाषण का जिक्र किया. उस भाषण में प्रधानमंत्री ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम करने और सेवा करने की प्रतिबद्धता जतायी थी. उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘हम आपकी इस धारणा को साझा करते हैं कि जब तक गरीबों और वंचित लोगों को मुख्यधारा में नहीं लाया जाता और उनकी पूरी क्षमताओं का उपयोग नहीं किया जाता, तब तक हर भारतीय देशभक्त का यह सपना पूरा नहीं हो सकेगा.'' उन्होंने अल्पसंख्यकों के एजेंडे के लिए अपनी ओर से सहयोग देने की भी बात की.
पत्र में कहा गया है, ‘‘हमें लगता है कि संविधान और भूमि के कानून के तहत पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करके निम्नलिखित तीन मुख्य बिंदुओं- शिक्षा और स्वास्थ्य, कौशल विकास और विश्वास-निर्माण के उपाय-पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.''
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में मेस्को समूह के अध्यक्ष फखरुद्दीन मोहम्मद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद से नियाज फारूकी, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमाल फारुकी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् पीए इनामदार, और केंद्रीय हज समिति के पूर्व अध्यक्ष शमीम कैसर शामिल हैं. अल्पसंख्यकों के बीच भय को दूर करने की आवश्यकता पर मोदी की हालिया टिप्पणी का भी पत्र में स्वागत किया गया है.
पत्र में मोदी की उन टिप्पणियों पर विशेष रूप से गौर किया गया जहां उन्होंने कहा था, ‘‘जिस तरह से गरीबों को धोखा दिया गया है, अल्पसंख्यकों को भी उसी तरह से धोखा दिया गया है. अच्छा होता अगर उनकी शिक्षा, उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता. अल्पसंख्यकों को उन लोगों द्वारा भय के माहौल में रखा गया जो वोट बैंक की राजनीति में विश्वास करते हैं. मैं 2019 में आपसे उम्मीद करता हूं कि आप उस धोखे में छेद कर पाएंगे. हमें उनका विश्वास अर्जित करना होगा.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं