लद्दाख में एक अग्रिम पोस्ट पर सैनिकों को दिए गए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "विस्तारवादी राष्ट्रों" के खिलाफ कड़ा संदेश दिया. इससे चिढ़े चीन ने इसे ''आधारहीन और अतिरंजित'' बताया. प्रधानमंत्री ने आज कहा , "विस्तारवाद की उम्र खत्म हो गई है. यह विकास की उम्र है. इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या वापस लौटने के लिए मजबूर हो गई हैं," प्रधानमंत्री ने 15 जून की झड़प के बाद लद्दाख की एक औचक यात्रा के दौरान सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा. चीन के साथ जिसमें 20 सैनिक कार्रवाई में मारे गए. पीएम मोदी के बयान के बीद बीजिंग ने अपने दूतावास के प्रवक्ता के माध्यम से एक तीव्र प्रतिक्रिया दी.
चीन ने दी प्रतिक्रिया, कहा - चीन को विस्तारवादी के रूप में देखना आधारहीन. भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, 'चीन ने अपने 14 पड़ोसी देशों में से 12 के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से सीमा का निर्धारण किया है और भूमि सीमाओं को मैत्रीपूर्ण सहयोग के बंधन में बदल दिया है. चीन को "विस्तारवादी" के रूप में देखने, अतिरंजना और पड़ोसियों के साथ अपने विवादों को गढ़ने के लिए यह आधारहीन है.'
#China has demarcated boundary with 12 of its 14 neighboring countries through peaceful negotiations, turning land borders into bonds of friendly cooperation. It's groundless to view China as "expansionist", exaggerate & fabricate its disputes with neighbours.
— Ji Rong (@ChinaSpox_India) July 3, 2020
आज सुबह, पीएम मोदी ने लद्दाख के लिए उड़ान भरी, जहां उन्हें 11,000 फीट ऊंचे और सिंधु नदी के किनारे स्थित नीमू एक फॉरवर्ड पोस्ट पर ले जाया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह यात्रा सेना के लिए मनोबल बढ़ाने वाली थी. इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी आक्रमण के खिलाफ एक शक्तिशाली बयान के रूप में भी देखा गया था.
प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को "युद्ध के मैदान" में वर्णित किया जो कि 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की जगह, गैलवान नदी घाटी से दूर नहीं है, जहां 1967 के बाद सबसे घातक भिडंत हुई.
पीएम ने सेना की 14 कोर को संबोधित किया जिसे फायर एंड फ्यूरी कोर कहा जाता है. उन्होंने कहा, "दुश्मन ने आपकी आग और रोष को देखा है ... कमजोर कभी शांति को पूरा नहीं कर सकता, बहादुर करते हैं," इसेक साथ ही पीएम ने चीन को यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत सीमा क्षेत्र में सड़क और पुल का निर्माण कार्य बंद नहीं करेगा, जो हाल के महीनों में चीनियों को परेशान कर रहा है. पीएम ने कहा, "बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर, तीन गुना आवंटन. सीमा क्षेत्रों का विकास किया गया है, सीमा पर सड़कें और पुल तेजी से बनाए जा रहे हैं,"
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने भी पीएम की लद्दाख यात्रा पर प्रतिक्रिया दी थी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, "भारत और चीन संचार और राजनयिक चैनलों के माध्यम से तनावकम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. कोई भी पार्टी किसी भी कार्रवाई में शामिल नहीं होनी चाहिए."
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