ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टार्टअप ग्रोफर्स के संस्थापक ने कंपनी के 10 मिनट में ग्रॉसरी की डिलीवरी के वादे पर मचे बवाल पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि घनी जगहों में कंपनी के स्टोर और कंपनी की "अच्छी" इन-स्टोर योजना के साथ तकनीक की बदौलत अधिकांश ऑर्डर कम से कम 2.5 मिनट में पैक हो जाते हैं. जिसके आधार पर कंपनी ने 10 मिनट में डिलिवरी का वादा किया था. ट्विटर पर एक बयान में अलबिंदर ढींडसा ने यह भी कहा कि घोषणा को लेकर उनकी कंपनी की आलोचना को देखकर "मेरा दिल टूट गया".
उन्होंने ट्विटर पर एक बयान में कहा, "... भारत में हो रही नई पहल (और स्टार्टअप की सफलता) का जश्न मनाने के बजाय, हममें से कुछ लोग इसकी निंदा करना पसंद करते हैं."
उन्होंने कहा, "हमें हिम्मत दिखाने वाले और अधिक लोगों की जरूरत है, और उनकी निंदा करने वालों की कम जरूरत है."
I want to chime in about the hate we are getting for delivering groceries in 10 minutes... pic.twitter.com/RNhFvd6ojV
— Albinder Dhindsa (@albinder) August 28, 2021
कंपनी को ऑनलाइन आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उसके डिलीवरी पार्टनर्स को 10 मिनट के भीतर ऑर्डर नहीं देने के लिए जोखिम में डाला जा रहा है.
I don't want my groceries delivered in 10 or 20 minutes. I would rather that the delivery person takes his time to safely deliver. Same for my food. Raise your voice. Tell companies like Grofers, Big Basket, Swiggy and Zomato:There is no market for abusing their delivery persons
— Pooja Prasanna (@PoojaPrasanna4) August 27, 2021
यह सब 13 मिनट में डिलीवरी प्राप्त करने पर एक उपयोगकर्ता के ट्वीट के साथ शुरू हुआ. यूज़र ने अपना ट्वीट अब हटा दिया है. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसका विरोध किया.
Grofers delivered groceries within 13 minutes and the co-founder responds back that its' 3 minutes too long. For god's sake, these are groceries - not life-saving medicines. Please don't put unnecessary pressure on the delivery boys just for marketing gimmicks! pic.twitter.com/nouxtjdMos
— Sanket Dangi (@sanketdangi) August 26, 2021
आलोचनाओं की बौछार के बीच ढींडसा को सोशल मीडिया पर भी समर्थन मिला - जोमैटो के एक वरिष्ठ अधिकारी उनमें से एक हैं. जोमैटो के प्रोडक्ट एंड पेमेंट्स वीपी प्रद्योत घाटे ने ट्वीट कर ग्रोफर के फाउंडर का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हमें जीरो सम गेम मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है.
उपभोक्ता के रूप में अमोघ वेंकटनारायण ने भी ग्रोफर्स के समर्थन में ट्वीट किया.
There is a market for quick deliveries, there is a market for late night ordering and early morning deliveries, there is a market for slot based planned deliveries...
— Amogh Venkatanarayan (@taknevhgoma) August 28, 2021
It's nice to have all the options, as a consumer!
Kudos to @Grofers @HelloMilkbasket @swiggy_in @bigbasket_com https://t.co/0NdV0VdynU
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