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This Article is From Sep 03, 2013

सरकारी पैसे से पार्टी के विज्ञापन के मामले में शीला दीक्षित संकट में

नई दिल्ली: तीस हजारी अदालत के आदेश के अनुपालन में दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है। उन पर सरकारी पैसे के दुरुपयोग का आरोप है। वहीं, दिल्ली सरकार ने कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का मन बना लिया है।

पांच साल पहले का खर्चा दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मुसीबत बन गया है। उन पर सरकारी पैसे से पार्टी के पोस्टर और विज्ञापन छपवाने का आरोप है।

2008 के विधानसभा चुनावों में सरकारी पैसे के इस दुरुपयोग पर दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

यह मामला इस साल मई में सामने आया जब दिल्ली के लोकायुक्त ने बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर जांच की। तब यह बात सामने आई कि 2008 के विधानसभा चुनावों में शीला दीक्षित ने 22 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किए।

जांच में पाया गया कि 22 करोड़ में से 11 करोड़ रुपये सरकार के खर्च हुए। लोकायुक्त ने कहा कि यह 11 करोड़ सरकार को लौटाए जाएं।

जब शीला दीक्षित ने सरकारी पैसे जमा नहीं कराए तो विजेंद्र गुप्ता अदालत चले गए। शीला दीक्षित के लिए यग छोटा सा मामला एक बड़ी मुसीबत बन सकता है।

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सरकारी पैसे का दुरुपयोग, शीला दीक्षित, एफआईआर का आदेश, Govt Funds Used For Party, Sheila Dikshit, Misuse Of Funds, FIR Order
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