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This Article is From Oct 11, 2012

सरकार ने मानीं सत्याग्रहियों की मांगें, पदयात्रा स्थगित

सरकार ने मानीं सत्याग्रहियों की मांगें, पदयात्रा स्थगित
आगरा: जल, जंगल, जमीन की मांग कर रहे 50 हजार सत्याग्रहियों की कई अहम मांगें सरकार ने मान ली हैं, जिसके बाद ग्वालियर से दिल्ली के लिए चला सत्याग्रह मार्च केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के साथ समझौते के बाद स्थगित कर दिया गया है।

सत्याग्रहियों की मांग के मुताबिक सरकार नई राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने पर राजी हो गई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आगरा जाकर इस बारे में एक समझौते पर दस्तखत किए हैं। कुल मिलाकर सरकार ने सत्याग्रहियों की 10 अहम मांगें मानी हैं, जिन्हें अमल में लाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसकी पहली बैठक 17 अक्टूबर को होगी।

इसके साथ ही इस आंदोलन के नेता और राष्ट्रीय एकता परिषद के अध्यक्ष पीवी राजगोपाल ने ऐलान किया है कि दिल्ली मार्च छह महीनों तक स्थगित कर दिया गया है, लेकिन उनका आंदोलन जारी रहेगा।

राजगोपाल ने कहा कि अगर सरकार ने अपनी कही बातों पर अमल नहीं किया, तो फिर से दबाव बनाया जाएगा। समझौते के मुताबिक जिनके पास अपनी जमीन नहीं है, उनको मकान बनाने के लिए 10 डिसमिल जमीन देने पर सरकार राजी हो गई है।

इस जनसत्याग्रह के तहत हजारों भूमिहीन और वंचित तबके के लोग 2 अक्टूबर को ग्वालियर से दिल्ली तक की पदयात्रा पर निकले थे। केंद्र सरकार लगातार इन सत्याग्रहियों को मनाने की कोशिश कर रही थी। पहले ग्वालियर में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सत्याग्रहियों की मांगें मानने का भरोसा दिलाया, लेकिन बात नहीं बनी। उसके बाद दिल्ली में दो दौर की बातचीत हुई, जिसमें अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई।

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