भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने किसान आंदोलन (Farmers Movement) पर मोदी सरकार (Modi Government) के रुख को लेकर बुधवार को कहा कि ''दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पानी, राशन, बाकी सप्लाई प्रोटेस्ट साइट पर बंद कर चुकी है और घेराबंदी भी कर रही है जैसे कि जंग हो रही हो. टॉयलेट की फ़ैसिलिटी नहीं है. यह अमानवीयता है, मानवता के ऊपर कलंक है यह. कई लोग शहीद भी हुए आंदोलन में. सरकार को बात मान लेनी चाहिए.''
येचुरी ने NDTV से बातचीत में कहा कि ''26 जनवरी को जो कुछ हुआ, कौन थे वो लोग जो घुसे. वे रूट से कैसे भटके? ये सब गंभीर सवाल हैं. उस जगह तक पहुंचना मुश्किल है, वो गेट कैसे खुले? जिसने ये किया उसके संबंध बीजेपी के साथ हैं, ऐसे भी आरोप लगे हैं. किसान आंदोलन से ध्यान हटाने की कोशिश है. इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए.''
उन्होंने कहा कि ''ऐसा लग रहा है कि कोई युद्ध पर जा रही है सरकार. कीलें लगा दी हैं, दीवार बना दी है. किसान अन्नदाता हैं, दुश्मन नहीं. ये कैसी सरकार है जिसको इंसानियत की कद्र नहीं. मानव अधिकार एक देश तक सीमित नहीं है. यूनिवर्सल ह्युमन राइट्स हैं ये. कोई भी दुनिया में बोलेगा. ये कहना कि बोलना नहीं है, ये गलत है.''
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येचुरी ने कहा कि ''आज लोगों के अंदर तृणमूल कांग्रेस से नाराज़गी है. बीजेपी को हराना है तो टीएमसी को भी हराना होगा. यही मकसद है वामपंथियों का. इसी के चलते वामपंथी और कांग्रेस के बीच चुनावी संपर्क रहेंगे.''
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