प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ‘सोशल मीडिया कम्यूनिकेशन हब’ स्थापित करने की योजना बनाई है जो जिलों में ट्रेंड कर रही खबरों पर नजर रखेगा और केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के तहत अनुबंध के आधार पर हर जिले में मीडियाकर्मियों की भर्ती की जाएगी. ये लोग सरकार के ‘आंख-कान’ होंगे तथा जमीनी स्थिति के बारे में अवगत कराते रहेंगे. सूत्रों ने कहा कि ये मीडियाकर्मी सरकार की नीतियों को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया लेंगे और इन इलाकों में ट्रेंड कर रही खबरों का अनुसरण करेंगे.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का फरमान- बगैर इजाजत मीडिया से बात नहीं करें अधिकारी
प्रतिक्रिया का विश्लेषण करने के लिए केंद्रीय स्तर पर विशेषज्ञों को रखा जाएगा. मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ‘ब्रॉडकॉस्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड’ (बेसिल) ने हाल ही में परियोजना के लिए सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के मकसद से निविदा जारी है.
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निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि सभी सोशल मीडिया एवं डिजिटल मंचों से डिजिटल सूचना एकत्र करने के लिए इस प्रौद्योगिकी मंच की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि इससे जुड़े टूल को हिंदी, उर्दू, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, पंजाबी, तमिल और अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं के अनुकूल होना चाहिए.
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प्रतिक्रिया का विश्लेषण करने के लिए केंद्रीय स्तर पर विशेषज्ञों को रखा जाएगा. मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ‘ब्रॉडकॉस्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड’ (बेसिल) ने हाल ही में परियोजना के लिए सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के मकसद से निविदा जारी है.
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निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि सभी सोशल मीडिया एवं डिजिटल मंचों से डिजिटल सूचना एकत्र करने के लिए इस प्रौद्योगिकी मंच की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि इससे जुड़े टूल को हिंदी, उर्दू, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, पंजाबी, तमिल और अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं के अनुकूल होना चाहिए.
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