केंद्र सरकार हिन्द महासागर तल के 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने, चांदी और प्लैटिनम जैसे खनिजों के लिए खनन की तैयारी में जुटी हुई है।
एक शीर्ष वैज्ञानिक के मुताबिक, हिन्द महासागर तल के 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से सोने, चांदी और प्लैटिनम जैसे खनिजों का दोहन करने के लिए भू-विज्ञान मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण (आईएसए) के साथ अनुबंध को अंतिम रूप दे रहा है।
राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीएओआर) के निदेशक एस. राजन ने कहा कि जमैका स्थित आईएसए के कानूनी और तकनीकी आयोग ने भी भारत द्वारा सौंपी गई अन्वेषण योजना को मंजूरी दे दी है। राजन ने यहां आयोजित तीन दिवसीय भारतीय विज्ञान सम्मेलन में सप्ताह के अंत में हिस्सा लिया था।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने गोवा स्थित एनसीएओआर को इस कार्यक्रम के लिए मुख्य एजेंसी के रूप में नामित किया है।राजन के मुताबिक, हिंद महासागर का मध्य और दक्षिण पश्चिमी हिस्सा तांबा, शीशा, जस्ता जैसी धातुओं के साथ ही सोने, चांदी, पैलाडियम और प्लैटिनम जैसी श्रेष्ठ धातुओं से समृद्ध है।
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