कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सरकार की नीतियों पर अरविंद पनगढ़िया, रघुराम राजन और अरविंद सुब्रमण्यम की परोक्ष प्रतिकूल टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने जो 'सच' बयां किया है उस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ''सरकार को उन लोगों को सुनना चाहिए जो सत्ता से सच बोल रहे हैं. तीन प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने आज यही किया है.''
उन्होंने कहा, ''डॉक्टर अरविंद पनगढ़िया ने सरकार की व्यापार नीति की अज्ञानता और आयात संबन्धी विकल्प को लेकर सरकार की हड़बड़ाहट के बारे में स्पष्ट रूप से लिखा है.'' उन्होंने कहा, ''डॉक्टर रघुराम राजन ने ज्ञान प्रधान समाज बनने के लिए 'विरोध को सहन करने की जरूरत' के बारे बात की है.'' चिदंबरम ने कहा, ''डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम ने अपने के अनुभव के आधार कहा है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार को हमेशा क्यों ईमानदार और निःस्वार्थ सलाह देनी चाहिए. उनको इसका दुख है कि नोटबंदी पर उनकी सलाह नहीं ली गई.''
गौरतलब है कि मोदी सरकार में पनगढ़िया नीति आयोग के उपाध्यक्ष, राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर और सुब्रमण्यम मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं.
उन्होंने कहा, ''डॉक्टर अरविंद पनगढ़िया ने सरकार की व्यापार नीति की अज्ञानता और आयात संबन्धी विकल्प को लेकर सरकार की हड़बड़ाहट के बारे में स्पष्ट रूप से लिखा है.'' उन्होंने कहा, ''डॉक्टर रघुराम राजन ने ज्ञान प्रधान समाज बनने के लिए 'विरोध को सहन करने की जरूरत' के बारे बात की है.'' चिदंबरम ने कहा, ''डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम ने अपने के अनुभव के आधार कहा है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार को हमेशा क्यों ईमानदार और निःस्वार्थ सलाह देनी चाहिए. उनको इसका दुख है कि नोटबंदी पर उनकी सलाह नहीं ली गई.''
गौरतलब है कि मोदी सरकार में पनगढ़िया नीति आयोग के उपाध्यक्ष, राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर और सुब्रमण्यम मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं.
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