गोरखपुर से लापता नाबालिग लड़की के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लड़की की देखभाल के निर्देश दिए हैं. मामले की जांच यूपी पुलिस से दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर की गई है. सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि लड़की गर्भवती है तो अदालत ने कहा कि उसे किसी बुरी स्थिति में आने से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए . कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस लापता लड़की का तत्काल प्रभाव से पता लगाने में सक्षम रही. इसलिए अब दिल्ली पुलिस ही मामले की जांच करे.
दिल्ली पुलिस पीड़िता की काउंसलिंग कराए, ये भी सुनिश्चित करे कि उसे हर हाल में बुरी स्थिति से बचाया जाए. दिल्ली पुलिस की ओर से ASG रूपिंदर सिंह सूरी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. लड़की को बरामद कर लिया गया है. लड़की ने शादी कर ली है.
गोरखपुर पुलिस ने लड़की को हिरासत में ले लिया है क्योंकि वह लड़की को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना चाहते हैं. सूरी ने कोर्ट को बताया कि लड़की ने मां के साथ जाने से मना कर दिया है, लेकिन इस मामले में दिल्ली पुलिस को ही जांच जारी रखनी चाहिए, क्योंकि लड़की मात्र 13 वर्ष की है. वकील अमित पाई ने कहा कि लड़की की उम्र चाहे जो भी हो, वह निस्संदेह छोटी है. साथ ही जांच में पता चला है कि वो गर्भवती है. ASG ने कहा कि एम्स ने मामले को फोरेंसिक विभाग को भेजा है, क्योंकि लड़की के मुताबिक- वो 17 साल की है. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील के वी विश्वनाथन को नाबालिग लड़की की ओर से वकील नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट 14 सितंबर को सुनवाई करेगा.
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