नई दिल्ली:
लोगों और संस्थाओं की इंटरनेट गतिविधियों पर सरकारी निगरानी में बढ़ोतरी के रुख के बीच भारत ने वर्ष 2012 के पहले छह महीनों के दौरान गूगल से दो हजार 319 मामलों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की गोपनीय जानकारी मांगी।
गूगल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2012 में जून तक के छह महीने की अवधि के दौरान इंटरनेट से जुड़ी उसकी विभिन्न सेवाओं से यू-ट्यूब वीडियो, खोज परिणाम, छवियां और वेबपेज समेत कई तरह की सामग्रियां हटाने की मांग भी दोगुनी होकर 596 पहुंच गई।
कंपनी के अनुसार इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की गोपनीय जानकारी मांगने की संख्या में जुलाई से दिसंबर, 2011 की छह महीने की अवधि के मुकाबले पांच फीसदी की बढ़त आई है। गूगल ने सरकार की ओर से इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की जानकारी मांगने के लिहाज से अमेरिका के बाद भारत को दूसरे नंबर पर रखा है। हालांकि कंपनी ने लगभग एक-तिहाई मामलों में भारतीय अधिकारियों का आग्रह नामंजूर कर दिया है। कंपनी ने अपनी अर्धवार्षिक 'ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट' में कहा है कि उसने जनवरी से जून, 2012 के दौरान भारत के अधिकारियों के दो हजार 319 में से 64 फीसदी आग्रह मान लिए।
गूगल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2012 में जून तक के छह महीने की अवधि के दौरान इंटरनेट से जुड़ी उसकी विभिन्न सेवाओं से यू-ट्यूब वीडियो, खोज परिणाम, छवियां और वेबपेज समेत कई तरह की सामग्रियां हटाने की मांग भी दोगुनी होकर 596 पहुंच गई।
कंपनी के अनुसार इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की गोपनीय जानकारी मांगने की संख्या में जुलाई से दिसंबर, 2011 की छह महीने की अवधि के मुकाबले पांच फीसदी की बढ़त आई है। गूगल ने सरकार की ओर से इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की जानकारी मांगने के लिहाज से अमेरिका के बाद भारत को दूसरे नंबर पर रखा है। हालांकि कंपनी ने लगभग एक-तिहाई मामलों में भारतीय अधिकारियों का आग्रह नामंजूर कर दिया है। कंपनी ने अपनी अर्धवार्षिक 'ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट' में कहा है कि उसने जनवरी से जून, 2012 के दौरान भारत के अधिकारियों के दो हजार 319 में से 64 फीसदी आग्रह मान लिए।
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