रिलायंस जियो 4 जी लॉन्च के मौके पर मुकेश अंबानी
नई दिल्ली:
देश में इंटरनेट और वॉयस कॉलिंग के बिल्कुल फ्री प्लान के साथ बाजार में उतरी रिलायंस जियो के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. दूरसंचार नियामक ट्राई ने रिलायंस जियो की मोबाइल सेवा के लिए वायस कॉल व डेटा शुल्क दर योजनाओं को क्लीनचिट दे दी है और कहा कि कंपनी की योजना उसके नियमों व मौजूदा शुल्क दर आदेशों के अनुरूप ही है. रिलायंस के फ्री ऑफर के चलते बाजार में मौजूद अन्य इंटरनेट और कॉल सेवा प्रदाता कंपनियों ने नाराज़गी जाहिर की थी और कई मंचों पर इसकी शिकायत की थी.
इतना ही नहीं आरंभ में तीन महीनों के लिए यह फ्री सेवा देने के बाद जियो ने इस सेवा को फिर तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था. कंपनी का कहना था कि नए साल के ऑफर में योजना के तहत कंपनी ने ऐसा किया है. कंपनी के इस फैसले को भी अन्य कंपनियों ने कई मंचों पर चैलेंज किया था. इनमें से एक मंच ट्राई भी था. ट्राई ने रिलायंस को नोटिस भेजकर उनका जवाब मांगा था. साथ ही ट्राई ने काफी लंबे समय तक सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनायाय है. कंपनियों के आपसी विवाद के चलते जियो के ग्राहकों को काफी समय तक कॉल ड्रॉपिंग की समस्या से दो चार होना पड़ा.
हाल ही में ट्राई ने उनकी शिकायत पर मौजूदा दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल व आइडिया सेल्यूलर को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि रिलायंस जियो की ‘हैप्पी न्यू ईयर पेशकश’ को नियमों का उल्लंघन करने वाला नहीं पाया गया है.
ट्राई के अनुसार उसकी जांच में पाया गया कि रिलायंस जियो ने हैप्पी न्यू ईयर पेशकश की घोषणा 4 दिसंबर 2016 को की जो कि कंपनी की पहले वाली वेलकम पेशकश से अलग है और उसे पूर्ववर्ती प्रोमोशनल पेशकश का विस्तार नहीं कहा जा सकता.
उल्लेखनीय है कि भारती एयरटेल व आइडिया सेल्यूलर ने रिलायंस जियो की पेशकश को चुनौती देते हुए टीडीसैट्स का दरवाजा खटखटाया था. इन कंपनियों ने रिलायंस जियो की सभी सेवाओं की नि:शुल्क पेशकश को 90 दिन के बाद भी जारी रखे जाने को चुनौती दी थी. कंपनी की इस पेशकश की अवधि 31 दिसंबर 2016 को बढ़ाई थी जिसे उसने बढ़ाकर अब मार्च 2017 के आखिर तक कर दिया है.
उल्लेखनीय है महान्यायवादी ने भी हाल ही में ट्राई को बताया था कि रिलायंस जियो की शुल्क दर योजनाएं मौजूदा नियमों या नियामक के किसी आदेश का उल्लंघन नहीं करती इसलिए ट्राई को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
इतना ही नहीं आरंभ में तीन महीनों के लिए यह फ्री सेवा देने के बाद जियो ने इस सेवा को फिर तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था. कंपनी का कहना था कि नए साल के ऑफर में योजना के तहत कंपनी ने ऐसा किया है. कंपनी के इस फैसले को भी अन्य कंपनियों ने कई मंचों पर चैलेंज किया था. इनमें से एक मंच ट्राई भी था. ट्राई ने रिलायंस को नोटिस भेजकर उनका जवाब मांगा था. साथ ही ट्राई ने काफी लंबे समय तक सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनायाय है. कंपनियों के आपसी विवाद के चलते जियो के ग्राहकों को काफी समय तक कॉल ड्रॉपिंग की समस्या से दो चार होना पड़ा.
हाल ही में ट्राई ने उनकी शिकायत पर मौजूदा दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल व आइडिया सेल्यूलर को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि रिलायंस जियो की ‘हैप्पी न्यू ईयर पेशकश’ को नियमों का उल्लंघन करने वाला नहीं पाया गया है.
ट्राई के अनुसार उसकी जांच में पाया गया कि रिलायंस जियो ने हैप्पी न्यू ईयर पेशकश की घोषणा 4 दिसंबर 2016 को की जो कि कंपनी की पहले वाली वेलकम पेशकश से अलग है और उसे पूर्ववर्ती प्रोमोशनल पेशकश का विस्तार नहीं कहा जा सकता.
उल्लेखनीय है कि भारती एयरटेल व आइडिया सेल्यूलर ने रिलायंस जियो की पेशकश को चुनौती देते हुए टीडीसैट्स का दरवाजा खटखटाया था. इन कंपनियों ने रिलायंस जियो की सभी सेवाओं की नि:शुल्क पेशकश को 90 दिन के बाद भी जारी रखे जाने को चुनौती दी थी. कंपनी की इस पेशकश की अवधि 31 दिसंबर 2016 को बढ़ाई थी जिसे उसने बढ़ाकर अब मार्च 2017 के आखिर तक कर दिया है.
उल्लेखनीय है महान्यायवादी ने भी हाल ही में ट्राई को बताया था कि रिलायंस जियो की शुल्क दर योजनाएं मौजूदा नियमों या नियामक के किसी आदेश का उल्लंघन नहीं करती इसलिए ट्राई को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
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