जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं. इस पद पर आते ही उनके पास तीनों सेनाओं को आदेश जारी करने का अधिकार मिल गया है. सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल के अलावा युद्ध के दौरान सिंगल प्वॉइंट आदेश देने का भी अधिकार होगा. मतलब ये है कि अब तीनों सेनाओं को एक ही आदेश जारी होगा. साथ ही उन्हें साइबर और स्पेस कमांड का भी जिम्मा दिया जाएगा. करगिल जंग के बाद बनी कमेटी ने सीडीएस की सिफारिश की थी ताकि सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल हो सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 15 अगस्त को लालकिले से दिए अपने भाषण में सीडीएस बनाने की घोषणा की थी. उसके बाद एक हाई पावर कमेटी बनाई गई थी जिसकी रिपोर्ट के बाद ही सीडीएस का ऐलान हुआ है. जनरल रावत के पक्ष में ये बात जाती है कि उनकी अगुवाई में जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का लगभग सफाया हो गया है. इससे पहले जनरल रावत के पास अशांत इलाको में काम करने का लंबा अनुभव है और सबसे बड़ी बात कि वो सरकार के भरोसेमंद है. जनरल रावत की जगह नए थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवाणे होंगे.
बुधवार को संभालेंगे नया पद
बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो रहे है और बुधवार को सीडीएस के रूप में वह अपना कार्यकाल शुरू करेंगे. बिपिन रावत के रिटायर होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) देश के अगले सेनाध्यक्ष होंगे.
नियमों में किया गया संशोधन
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief Of Defence Staff) पद के ऐलान के बाद सरकार ने इसकी अधिकतम उम्र सीमा के लिए सेना के नियमों में संशोधन किया है. नए नियम के तहत अधिकतम उम्र सीमा अब 65 साल होगी. इसकी अधिसूचना रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई. रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सैन्य नियमावली, 1954 में बदलाव किए गए हैं. सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सीडीएस (CDS) के सृजन को मंजूरी प्रदान की थी जो तीनों सेनाओं से संबंधित सभी मामलों के लिए रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे. नियमों के अनुसार सैन्य प्रमुख अधिकतम तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले आए, सेवा कर सकते हैं. सीडीएस चार स्टार जनरल के रैंक का अधिकारी होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में सबसे ऊपर होगा.
हाल ही में दिया गए बयान पर विवाद
भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर बयान दिया है. उन्होंने एक इवेंट के दौरान कहा, ''नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं. जैसा कि हम लोग गवाह रहे हैं कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा करने के लिए जन और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं. यह नेतृत्व नहीं है.''
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
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