विज्ञापन
This Article is From Sep 13, 2015

पाकिस्तान से आने पर गीता को रखा जा सकता है दिल्ली में

पाकिस्तान से आने पर गीता को रखा जा सकता है दिल्ली में
नई दिल्‍ली: पाकिस्तान में फंसी मूक-बधिर भारतीय युवती गीता को वापस लाने के प्रयासों के तहत सरकार ने एक ऐसे संस्थान की पहचान कर ली है, जहां देश में लाए जाने के बाद उसे रखा जा सकता है।

सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 23 वर्षीय युवती को यहां 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट फॉर द फिजीकली हैंडीकैप्ड' में रखा जा सकता है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमने विदेश मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है कि गीता को पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट फॉर द हैंडीकैप्ड में रखा जाना चाहिए। उसे राष्ट्रीय राजधानी स्थित अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द हियरिंग हैंडीकैप्ड के क्षेत्रीय केंद्र के विशेषज्ञों की सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी।' संस्थान एक स्वायत्त संगठन है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के हाथ में है। इसे शारीरिक रूप से अक्षमता का सामना करने वाली महिला को रहने के लिए उचित स्थान उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

ऐसा माना जाता है कि गीता बचपन में गलती से सीमा पार करके पाकिस्तानी क्षेत्र में दाखिल हो गई थी। यहां मिलने वाली खबरों के अनुसार, आज से 15 साल पहले जब लाहौर रेलवे स्टेशन पर वह पाकिस्तानी रेंजर्स को मिली, तब उसकी उम्र सात-आठ साल थी। फिलहाल वह कल्याणार्थ संस्था ईदी फाउंडेशन के संरक्षण में है।

पंजाब, बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश के चार परिवारों ने दावा किया है कि गीता उनकी बेटी है। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे खुद को गीता के माता-पिता बताने वाले लोगों की तस्वीरें भेजें, ताकि इन्हें पहचान के लिए गीता के पास भेजा जा सके।
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com