महान साहित्यकार शेक्सपियर (Shakespeare) के कथन ‘‘नाम में क्या रखा है?'' के मायने तमिलनाडु में पूरी तरह से बदल जाते हैं जहां किसी व्यक्ति के नाम से उसके राजनीतिक झुकाव, राष्ट्रीय चेतना और विचारधारा का पता चलता है. भारत की स्वतंत्रता के बाद तमिलनाडु में विशेषकर बच्चों का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा जाता था. इसी प्रकार राज्य में कई लोगों के नाम गांधी, नेहरू और जवाहर मिल जाएंगे. इसका प्रमुख उद्देश्य स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को बरकरार रखना होता है. तमिलनाडु में विशुद्ध रूप से तमिल और द्रविड़ आंदोलन से जुड़े लोगों के नामों पर भी नाम मिल जाएंगे.
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नाम को लेकर इस बार खासी चर्चा है क्योंकि 16वीं तमिलनाडु विधानसभा में दो व्यक्तियों के नाम गांधी हैं जिनमें से एक मंत्री है जबकि एक अन्य मंत्री का नाम नेहरू और मुख्यमंत्री का नाम स्टालिन है. गौरतलब है कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम द्रमुक के दिवंगत नेता एम करुणानिधि ने एक मार्च 1953 को जन्में अपने बेटे का नाम दिग्गज सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन के नाम पर रखा था.
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जोसेफ स्टालिन एक विदेशी नेता होने के साथ ही तानाशाह भी था, लेकिन इसके बावजूद करुणानिधि उसे पसंद करते थे. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के साथ आर गांधी ने कपड़ा मंत्री जबकि के एन नेहरू ने नगर निकाय प्रशासन मंत्री के रूप में शपथ ली है. यह दोनों नेता स्टालिन के प्रति जवाबदेह होंगे जोकि राज्य के मुख्यमंत्री हैं. तिरुचिरापल्ली से द्रमुक विधायक नेहरू कावेरी डेल्टा क्षेत्र में पार्टी के दिग्गज नेता हैं जबकि गांधी रानीपेट से विधायक हैं. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के एम आर गांधी ने नागरकोइल विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं