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This Article is From Sep 09, 2021

फ्यूचर ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, ग्रुप की संपत्ति की जब्‍ती की कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court ) में चल रही जब्ती की कार्यवाही पर रोक लगाई. SC ने NCLT, NCLAT, सेबी, CCI सहित सभी प्राधिकरणों को 4 हफ्ते के लिए फ्यूचर-रिलायंस सौदे से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित नहीं करने के लिए कहा  है.

फ्यूचर ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, ग्रुप की संपत्ति की जब्‍ती की कार्यवाही पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की संपत्ति की जब्‍ती की कार्यवाही पर रोक लगा दी है
नई दिल्‍ली:

Future-amazon Case: फ्यूचर और अमेजन विवाद मामले में  फ्यूचर ग्रुप को फिलहाल राहत मिल गई है.  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court )में चल रही जब्ती की कार्यवाही पर रोक लगाई. SC ने NCLT, NCLAT, सेबी, CCI सहित सभी प्राधिकरणों को 4 हफ्ते के लिए फ्यूचर-रिलायंस सौदे से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित नहीं करने के लिए कहा  है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो हितों को बैलेंस करने की कोशिश कर रहा है.कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की याचिका पर नोटिस जारी किया है. गौरतलब है कि  फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. फ्यूचर डील मामले में फ्यूचर ग्रुप और किशोर बियानी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे उन्‍होंने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. 

दरअसल, कोर्ट के फैसले ने सिंगल जज बेंच के आदेश को पुनर्जीवित किया था जिसमें फ्यूचर कूपन, फ्यूचर रिटेल, किशोर बियानी एसेट्स को कुर्क करने का निर्देश दिया गया था.फ्यूचर कूपन संपत्ति की कुर्की के निर्देश वाले सिंगल जज बेंच के आदेश पर रोक लगाने की मांग  की गई थी. फ्यूचर कूपन ने  हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की   है, जिसने बियानी, अन्य फ्यूचर डायरेक्टर्स को सिविल अरेस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था. साथ ही कहा था कि क्यों न उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाए. 

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (Reliance Future Deal) के बीच हुई बहुचर्चित डील खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेज़न के पक्ष में फैसला सुनाया गया है. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर अभी रोक लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला है, वह भारत में भी लागू होगा. बता दें कि सिंगापुर में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, इसी के बाद भारत में भी अमेजन ने विलय सौदे के खिलाफ याचिका दायर की थी. आपको बता दें कि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील के खिलाफ अमेजन ने सबसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने इस डील पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसी के बाद अमेजन की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था.

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