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This Article is From Dec 12, 2019

Goodbye 2019: प्रज्ञा ठाकुर से लेकर नितिन गडकरी तक इन 10 राजनेताओं के वे बयान जो पूरे साल चर्चा में रहे

ये हैं साल 2019 में नेताओं के वो बयान जो विवादों में छाए रहे.

Goodbye 2019: प्रज्ञा ठाकुर से लेकर नितिन गडकरी तक इन 10 राजनेताओं के वे बयान जो पूरे साल चर्चा में रहे
प्रज्ञा ठाकुर, नितिन गडकरी और गिरिराज सिंह समेत और भी नेताओं ने दिए 2019 में दिए विवादित बयान.
नई दिल्ली:

भारतीय राजनीति में हमेशा ही नेताओं के बयान सुर्खियों में रहते हैं. कई बारी नेता कुछ मजेदार बयान देते हैं तो कई बार उनके बायन विवादित होते हैं, जिस कारण वो चर्चा में बने रहते हैं. हर साल, कई नेता किसी ने किसी कार्यक्रम में इस तरह से बयान देते हुए नजर आते हैं. इस कारण कुछ नेताओं को कई बार लोगों की आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ता है. 

साल 2019 में भी बहुत से नेताओं ने कई बार विवादित बयान दिए लेकिन हम आपको सबसे ज्यादा चर्चा में रहे 10 विवादित बयानों के बारे में बताने वाले हैं, जिन पर बहुत बहस हुई. 

1. इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव के चलते कई नेताओं ने रैलियों के दौरान विवादित बयान दिए थे. इसी दौरान मेरठ से बीजेपी नेता जयकरण गुप्ता (Jayakaran Gupta) ने कहा था, ''कांग्रेस के नेता तो बड़ी जोर-जोर बोलते हैं, अच्छे दिन आए? उन्हें अच्छे दिन दिखाई नहीं देते. अरे स्कर्ट वाली बाई साड़ी पहनकर मंदिर में शीष लगाने लगी, गंगाजल से परहेज करने वाले लोग गंगाजल का आचमन करने लगे''. हालांकि, उन्होंने इस बयान में किसी का नाम नहीं लिया था लेकिन इशारों में की गई उनकी यह टिप्पणी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के ऊपर थी. 

2. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धु (Navjot Singh Siddhu) ने कई विवादित बयान दिए थे लेकिन उनका एक बयान काफी सुर्खियों में रहा था. नवजोत सिंह सिद्धु ने अपनी एक रैली में कहा था, ''आए थे 2014 में मां गंगा के लाल बनके, जाओगे 2019 में राफेल के दलाल बनके. मोदी जी कहते हैं कि अगर पेन भी लो तो पक्का बिल लो मगर राफेल का बिल पूछो तो बिल-बिला जाते हैं. जिन दरवाजों के बाहर चौकीदार खड़े होते हैं वह अक्सर गरीबों के लिए बंद पाए जाते हैं''. नवजोत सिंह सिद्धु ने यह बयान राफेल डील (Rafale Deal) को लेकर किया था. 

3. केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र गाजीपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ''अगर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर किसी ने अंगुली उठाई तो भरोसा रखिए 4 घंटे में वह अंगुली सलामत नहीं रहेगी. उन्होंने कहा था कि कोई भी पूर्वांचल का अपराधी, किसी की औकात नहीं है कि गाजीपुर की सीमा में आकर बीजेपी के कार्यकर्ता की तरफ आंख दिखाएगा, वह आंख सलामात नहीं रहेगी.'' मंत्री मनोज सिन्हा का यह बयान काफी चर्चाओं में रहा था. 

4. गुजरात के मंत्री गणपत वसावा (Ganpat Vasava) का नाम भी इस सूची में शामिल है. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान उन्होंने कहा था, ''जब पीएम मोदी (PM Modi) खड़े होते हैं, तो ऐसा लगता है कि गुजरात का शेर खड़ा है. जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खड़े होते हैं, तो ऐसा लगता है कि कुत्ते का पिल्ला अपनी पूंछ हिला रहा है. अगर पाकिस्तान उसे 'रोटी' देता है, तो वह वहां जाएगा और अगर चीन उसे 'रोटी' देता है, तो वह वहां भी जाएगा.''

5. महाराष्ट्र से बीजेपी की नेता पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) ने भी लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान राहुल गांधी पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था,  ''राहुल गांधी के शरीर पर बम बांध देना चाहिए और उन्हें किसी दूसरे देश भेज देना चाहिए. वे (राहुल गांधी) तभी समझेंगे''. 

6. केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह (Giriraj Singh) अक्सर ही अपने भड़काऊ बयानों के कारण चर्चाओं में रहते हैं लेकिन इस साल उनका मुसलमानों को लेकर दिया गया एक बयान काफी सुर्खियों में रहा. अपने इस बयान में उन्होंने कहा था, ''अगर कब्र के लिए तीन हाथ जगह चाहिए तो इस देश में वंदेमातरम गाना होगा और भारत माता की जय कहना होगा''.

7.  उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक विवादित बयान देते हुए बसपा सुप्रीमो को ''गुंडी'' बताया था. उन्होंने यहां तक कहा कि ''चुनाव के बाद मायावती (Mayawati) को जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता''.

8. प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ''हम आपके नाले और शौचालय को साफ करने के लिए नहीं चुने गए हैं, कृपया इसे समझें, जिन कामों के लिए हम चुने गए हैं, उन्हें ईमानदारी से किया जाएगा.'' उनके इस बयान पर उन्हें काफी ट्रोल भी किया गया था. 

9. साध्वी प्राची (Sadhvi Prachi) अपने विवादित बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहती है. इस साल भी उन्होंने बहुत से विवादित बयान दिए. इस साल जुलाई में एक कावड़ शिविर उद्घाटन में उन्होंने कहा था, ''भारत में रहने वाले मुस्लिम अगर गुर्राते हैं तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भक्तों को भगवान शिव की तरह एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला उठाना चाहिए ताकि किसी ने आंख दिखाई तो उस पर भाले का प्रयोग किया जा सके''.

10. नागपुर में सितंबर में आयोजित एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा था, ''मैं किसी प्रोजेक्ट में सरकार की मदद नहीं लेता. सरकार जहां भी हाथ लगाती है, वहां सत्यानाश हो जाता है''. इस बयान पर उन्हें कई लोगों द्वारा ट्रोल किया गया था. 

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