
नई दिल्ली:
धर्मांतरण के विवाद के बीच उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सोमवार को कहा कि किसी के धर्म या विश्वास को बदलने की आजादी एक मौलिक अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी धर्म को आधिकारिक दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के भारतीय रुख की सराहना करते हुए कहा कि प्रतिबद्धता और व्यवहार में भी एक अंतराल है। उन्होंने कहा कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता को अवश्य ही किसी धर्म को आधिकारिक दर्जा नहीं देना चाहिए, ना ही इसके दबदबे वाली स्थिति को स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, यह विविध समूहों और मूल्यों के बीच नैतिक रूप से एक संवेदनशील बातचीत परक समझौता है। यह 1948 के सार्वभौम मानवाधिकार घोषणापत्र के अनुरूप है।
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