मुंबई के नासिक जिले में 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने वाला व्यापारी प्राथमिकी में से अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का नाम हटवाना चाहता है. एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. व्यवसायी सुशील पाटिल (33) की शिकायत के आधार पर नासिक में गंगापुर पुलिस ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री के बेटे समेत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
अधिकारी ने बताया कि गंगापुर पुलिस ने सोमवार को पाटिल का पूरक बयान दर्ज किया था, जिसमें उसने दावा किया कि गुजरात के कांग्रेस कार्यकर्ता एवं मामले के मुख्य आरोपी सचिन वलेरा के उन्हें भ्रमित करने के कारण उन्होंने वैभव गहलोत का नाम लिया था. पाटिल के बयान दर्ज करने के बाद, नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने मंगलवार को मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पाटिल ने उन्हें बताया कि वलेरा वैभव गहलोत का नाम लेता था, जिसके कारण पाटिल ने शिकायत में उसका नाम लिया, लेकिन अब उन्हें वैभव गहलोत के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है.
इससे पहले, नासिक की एक अदालत के निर्देश के बाद, पुलिस ने 420, 406 और 468 सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी ने उसे उच्च रिटर्न के वादे के साथ अपनी कंपनी में एक गैर-सक्रिय भागीदार की भूमिका की पेशकश की और कथित तौर पर उसे 6.8 करोड़ रुपये का चूना लगाया.
अधिकारी ने कहा कि पूरक बयान में पाटिल ने पुलिस को बताया कि वह वैभव गहलोत से कभी नहीं मिले और न ही प्रत्यक्ष रूप से उन्हें कोई पैसा दिया और न ही कोई पैसा भेजा.
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