राजस्थान (Rajasthan) के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)) के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) के खिलाफ महाराष्ट्र के नासिक में मामला दर्ज हुआ है. ये मामला राजस्थान पर्यटन विभाग में ई-टायलेट का ठेका दिलाने के नाम की धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज किया गया. 17 मार्च को वैभव सहित 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. जिसके बाद से ही ये मामला सुर्खियों में छाया हुआ है.
गंगापुर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रियाज शेख ने कहा, "राजस्थान और गुजरात के रहने वाले 16 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. सुशील पाटिल नाम के एक व्यक्ति ने ये प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उससे करोड़ों रुपये ठगे गए हैं." शिकायतकर्ता सुशील पाटिल ने कहा कि गुजरात कांग्रेस के एक कार्यकर्ता सचिन वलरे ने 2018 में उन्हें आश्वासन दिया था कि वह अशोक गहलोत के करीबी हैं.
इस करीबी रिश्ते की वजह से वो राज्य सरकार द्वारा दिए गए सरकारी अनुबंध का प्रबंधन करते हैं. "उन्होंने मुझे सरकारी अनुबंधों से निपटने वाली एक निजी लिमिटेड कंपनी में भागीदार बनने के लिए कहा. मैंने उस कंपनी के माध्यम से 6.80 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जब मेरे निवेश पर रिटर्न बंद हो गया. इसके बाद मेरे और वैभव गहलोत के बीच एक वीडियो कॉल पर बात हुई. जहां गहलोत ने मुझे मेरे निवेश पर रिटर्न का आश्वासन दिया था."
शिकायत दर्ज करने वाले पाटिल ने सरकारी सुरक्षा की भी मांग की है क्योंकि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद वह अपनी सुरक्षा को लेकर भी काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा, "मैंने शक्तिशाली लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, ऐसे में मुझे अपनी जान का डर है." वहीं इस मामले में वैभव गहलोत ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मुझे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और मेरा इस सबसे कोई सम्बन्ध नहीं है.'
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