संसद भवन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संसद के मॉनसून सत्र में जारी गतिरोध के बीच आज NDA के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। NDA सांसद हाथों में 'संसद चलने दो' और 'लोकतंत्र बचाओ' के नारे वाले तख़्तियां लिए हुए थे। वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।
परसों ही बीजेपी ने एक स्टिंग जारी किया था, जिसमें कथित तौर पर हरीश रावत के निजी सचिव एक शराब माफ़िया से बात कर रहे थे।
साफ है कि विपक्ष के व्यापमं, ललित गेट जैसे मुद्दों पर किए जा रहे हंगामे के जवाब में सरकार भी हमलावर हो गई है। एनडीए के इस रुख के बाद और ललितगेट और व्यापमं घोटाले पर विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित हो गई।
गौरतलब है कि संसद में जारी गतिरोध में सरकार के अहम बिल अटके हुए हैं। खासतौर पर लैंड बिल पर सबकी नज़र टिकी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार कुछ कदम पीछे खींच रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर कल पांच सीनियर मंत्रियों ने बैठक की, इसमें राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि सरकार का मन बनाया गया है कि टकराव को लंबा खींचने की बजाय राज्यों को अपने भूमि अधिग्रहण कानून बनाने का अधिकार दे दिया जाए।
परसों ही बीजेपी ने एक स्टिंग जारी किया था, जिसमें कथित तौर पर हरीश रावत के निजी सचिव एक शराब माफ़िया से बात कर रहे थे।
साफ है कि विपक्ष के व्यापमं, ललित गेट जैसे मुद्दों पर किए जा रहे हंगामे के जवाब में सरकार भी हमलावर हो गई है। एनडीए के इस रुख के बाद और ललितगेट और व्यापमं घोटाले पर विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित हो गई।
गौरतलब है कि संसद में जारी गतिरोध में सरकार के अहम बिल अटके हुए हैं। खासतौर पर लैंड बिल पर सबकी नज़र टिकी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार कुछ कदम पीछे खींच रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर कल पांच सीनियर मंत्रियों ने बैठक की, इसमें राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि सरकार का मन बनाया गया है कि टकराव को लंबा खींचने की बजाय राज्यों को अपने भूमि अधिग्रहण कानून बनाने का अधिकार दे दिया जाए।
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