
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
2014 के जनवरी में भी यहां पर फोस्जीन गैस का रिसाव हुआ था
गैस रिसाव से लोगों में जीएनएफसी प्लान्ट को लेकर चिंता है
गुजरात पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने मामले की जांच शुरू कर दी है
जीएनएफसी का ये सबसे बड़ा प्लान्ट है और यहीं से उसकी 60 प्रतिशत के करीब कमाई आती है. ये कुछ सालों पहले कमीशन किया गया था. 2014 के जनवरी में भी यहां पर फोस्जीन गैस का रिसाव हुआ था लेकिन उस वक्त किसी को नुकसान नहीं हुआ था.
लेकिन बुधवार रात जब गैस रिसाव हुआ तो उस वक्त कम्पनी में काम कर रहे मज़दूरों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा. फोस्जीन ज़हरीली गैस है और इसका रिसाव अगर ज्यादा हो जाय तो आसपास के इलाकों के लिए भी ये जानलेवा साबित हो सकता है.
इसका प्रभाव कितना खतरनाक होता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करीब 17 मज़दूरों को पास के अस्पताल कम्पनी के ही एम्बुलेन्स में ले जाया गया लेकिन 4 लोगों के श्वसन प्रणाली में इसका असर इतना बढ़ गया था कि उनकी मौत हो गई. इस इलाके में दो साल में दो बार गैस रिसाव की समस्या सामने आने से लोगों में जीएनएफसी प्लान्ट को लेकर चिंता है.
गुजरात पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने भी अपने अधिकारी भेजकर पूरी घटना की जांच शुरू करवा दी है. इस तरह की घटना सामने आने से शेयर बाज़ार में भी जीएनएफसी कम्पनी के शेयरों पर प्रभाव पड़ा और इसके स्टोक्स करीब 15 प्रतिशत से ज्यादा गिर गये.