एक सत्र अदालत ने शक्ति मिल्स के सुनसान परिसर में करीब आठ महीने पहले हुए एक टेलीफोन ऑपरेटर के सामूहिक बलात्कार के मामले में चार दोषियों को आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने चारों दोषियों को सजा सुनाते हुए कहा कि बलात्कार का अपराध बहुत गंभीर और निर्मम है।
प्रधान सत्र न्यायाधीश शालिनी फनसालकर जोशी ने कहा, यह अपराध पीड़िता और बड़े पैमाने पर समाज को नुकसान पहुंचाता है। यह जीवन के मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है और इसके साथ इस तथ्य को भी दिमाग में रखना चाहिए कि बलात्कार के अपराध ने उसे मानसिक यातना भी दी है।अदालत ने यह भी कहा कि दोषियों विजय जाधव (19), मोहम्मद कासिम हफीज शेख उर्फ कासिम बंगाली (21), मोहम्मद अंसारी (28) और मोहम्मद अश्फाक शेख ने अचानक नहीं बल्कि पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत इस अपराध को अंजाम दिया।
अदालत के चारों दोषियों को सजा सुना देने के बाद विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने एक याचिका दायर करके अपील की कि इस मामले के साथ फोटो पत्रकार के सामूहिक बलात्कार के मामले में भी दोषी तीन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(ई) के तहत अपराध को दोहराने के कारण अतिरिक्त आरोप तय किए जाए। निकम ने कहा कि आईपीसी की धारा 376 (ई) के तहत अधिकतम सजा मृत्युदंड है।
अदालत ने याचिका पर निर्णय के लिए फोटो पत्रकार सामूहिक बलात्कार के मामले की सुनवाई 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी जिसके बाद वह सजा सुनाने की कार्यवाही करेगी।
अदालत ने फोटो पत्रकार और टेलीफोन ऑपरेटर के बलात्कार के मामले में गुरुवार को पांच लोगों को आईपीसी के तहत सामूहिक बलात्कार, आपराधिक साजिश, सांझी मंशा, अप्राकृतिक यौनाचार, धमकी देने, गलत तरीके से कैद करने, हमला करने, सबूतों को नष्ट करने तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। एक टेलीफोन ऑपरेटर और एक फोटो पत्रकार के सामूहिक बलात्कार की दो घटनाओं में दो नाबालिगों समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। तीन आरोपी दोनों मामलों में शामिल थे।
विजय जाधव, कासिम बंगाली और मोहम्मद अंसारी को दोनों मामलों में दोषी ठहराया गया है जबकि सिराज खान को फोटो पत्रकार सामूहिक बलात्कार मामले में और मोहम्मद अश्फाक शेख टेलीफोन को ऑपरेटर सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी ठहराया गया था। फोटो पत्रकार के सामूहिक बलात्कार की घटना शक्ति मिल परिसर में पिछले साल 22 अगस्त को हुई थी और टेलीफोन ऑपरेटर के सामूहिक बलात्कार की घटना भी उसी परिसर में पिछले साल 31 जुलाई को हुई थी।
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