भुवनेश्वर / बालेश्वर:
पुत्रवधू की ओर से दायर दहेज प्रताड़ना मामले में पिछले एक पखवाड़े से पुलिस से बचने की कोशिश कर रहे ओडिशा के पूर्व मंत्री रघुनाथ मोहंती और उनकी पत्नी को शनिवार को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार करके बालेश्वर लाया गया।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रकाश मिश्रा ने कहा, मोहंती और उनकी पत्नी प्रीतिलता मोहंती को ओडिशा पुलिस के मानवाधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ (एचआरपीसी) के दल ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि विशिष्ठ सूचना पर अमल करते हुए एचआरपीसी के कार्रवाई दल को पश्चिम बंगाल भेजा गया, जिसने हावड़ा जिले में शालीमार इलाके के निकट बेतैतोला के शांतिकुंज अपार्टमेंट से मोहंती दंपति को तड़के पकड़ लिया।
डीजीपी ने बताया कि दंपति का पता लगाने के लिए गहन जांच की गई और 50 से अधिक लोगों के टेलीफोन टैप कराए गए। मोहंती दंपति ने विभिन्न लोगों के नाम से 20 मार्च से दो फ्लैट किराये पर ले रखे थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और एचआरपीसी के प्रमुख बीके शर्मा ने बताया कि बीजद के वरिष्ठ नेता और उनकी पत्नी को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ओडिशा लाया गया, जहां चांदीपुर मरीन पुलिस थाने में जांच दल ने उनसे पूछताछ की।
यह गिरफ्तारी मोहंती की पुत्रवधू वर्षा स्वोनी चौधरी द्वारा 14 मार्च को बालेश्वर शहर में दर्ज कराई गई एफआईआर के एक पखवाड़े बाद सामने आई है, जिसमें उसने अपने ससुर और तत्कालीन विधि एवं शहरी विकास मंत्री मोहंती, अपने पति राजा श्री तथा परिवार के चार सदस्यों पर दहेज के लिए शरीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
दहेज प्रताड़ना मामले में आरोप लगने के बाद मोहंती को 15 मार्च को नवीन पटनायक सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में उनके पुत्र राजा श्री मोहंती को कटक के पास एक इलाके से गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। मोहंती दंपति और उनके पु़त्र के अलावा एफआईआर में उनकी पुत्री रूपाश्री और दामाद शुभेन्दु मधुआल का नाम भी शामिल है।
एफआईआर में कहा गया है कि मोहंती परिवार 25 लाख रुपये एवं लक्जरी कार तथा अन्य सामान के लिए उन्हें प्रताड़ित करते रहे हैं। उन्होंने अपने पति पर विवाहेतर संबंध रखने का भी आरोप लगाया। मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद मोहंती एवं उनके परिवार के सदस्यों से सम्पर्क नहीं किया जा पा रहा था।
इस मामले से राज्य में गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया था और राज्य विधानसभा में पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किए जाने की मांग उठी थी। बीजद नेताओं ने प्रारंभ में इसे पारिवारिक मामला बताया था, लेकिन बाद में मोहंती से आत्मसमर्पण करने की अपील की थी। मोहंती को आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार करने में विफल रहने के बाद सत्तारूढ़ बीजद ने उन्हें एक तरह से चेतावनी देते हुए कानून का सम्मान करने या परिणाम भुगतने को तैयार रहने को कहा था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रकाश मिश्रा ने कहा, मोहंती और उनकी पत्नी प्रीतिलता मोहंती को ओडिशा पुलिस के मानवाधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ (एचआरपीसी) के दल ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि विशिष्ठ सूचना पर अमल करते हुए एचआरपीसी के कार्रवाई दल को पश्चिम बंगाल भेजा गया, जिसने हावड़ा जिले में शालीमार इलाके के निकट बेतैतोला के शांतिकुंज अपार्टमेंट से मोहंती दंपति को तड़के पकड़ लिया।
डीजीपी ने बताया कि दंपति का पता लगाने के लिए गहन जांच की गई और 50 से अधिक लोगों के टेलीफोन टैप कराए गए। मोहंती दंपति ने विभिन्न लोगों के नाम से 20 मार्च से दो फ्लैट किराये पर ले रखे थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और एचआरपीसी के प्रमुख बीके शर्मा ने बताया कि बीजद के वरिष्ठ नेता और उनकी पत्नी को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ओडिशा लाया गया, जहां चांदीपुर मरीन पुलिस थाने में जांच दल ने उनसे पूछताछ की।
यह गिरफ्तारी मोहंती की पुत्रवधू वर्षा स्वोनी चौधरी द्वारा 14 मार्च को बालेश्वर शहर में दर्ज कराई गई एफआईआर के एक पखवाड़े बाद सामने आई है, जिसमें उसने अपने ससुर और तत्कालीन विधि एवं शहरी विकास मंत्री मोहंती, अपने पति राजा श्री तथा परिवार के चार सदस्यों पर दहेज के लिए शरीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
दहेज प्रताड़ना मामले में आरोप लगने के बाद मोहंती को 15 मार्च को नवीन पटनायक सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में उनके पुत्र राजा श्री मोहंती को कटक के पास एक इलाके से गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। मोहंती दंपति और उनके पु़त्र के अलावा एफआईआर में उनकी पुत्री रूपाश्री और दामाद शुभेन्दु मधुआल का नाम भी शामिल है।
एफआईआर में कहा गया है कि मोहंती परिवार 25 लाख रुपये एवं लक्जरी कार तथा अन्य सामान के लिए उन्हें प्रताड़ित करते रहे हैं। उन्होंने अपने पति पर विवाहेतर संबंध रखने का भी आरोप लगाया। मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद मोहंती एवं उनके परिवार के सदस्यों से सम्पर्क नहीं किया जा पा रहा था।
इस मामले से राज्य में गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया था और राज्य विधानसभा में पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किए जाने की मांग उठी थी। बीजद नेताओं ने प्रारंभ में इसे पारिवारिक मामला बताया था, लेकिन बाद में मोहंती से आत्मसमर्पण करने की अपील की थी। मोहंती को आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार करने में विफल रहने के बाद सत्तारूढ़ बीजद ने उन्हें एक तरह से चेतावनी देते हुए कानून का सम्मान करने या परिणाम भुगतने को तैयार रहने को कहा था।
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