लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पास हो गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ 99 सदस्यों ने वोट किया. शिवसेना ने वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है. उधर, असम, त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के खिलाफ व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है. असम में सचिवालय के निकट छात्रों के एक बड़े समूह और पुलिस के बीच बुधवार को झड़प हुई.
Assam is burning, like Kashmir. These modern Neros are fiddling while the country burns. Hanumanji had only set Lanka on fire. These modern Hanumanjis will set the whole of India on fire. ????????
— Markandey Katju (@mkatju) December 11, 2019
इस बीच पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने नागरिकता संशोधन बिल के बहाने मोदी सरकार को घेरा है. पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने ट्वीट कर कहा 'असम भी कश्मीर की तरह जल रहा है. देश में आग लगी है और ये आधुनिक 'नीरो' बेखबर हैं. हनुमान जी ने तो सिर्फ लंका जलाई थी, लेकिन ये आधुनिक हनुमान जी तो पूरे भारत में आग लगा देंगे'. बता दें कि राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया. सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया. विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 99 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. इस दौरान सदन में खूब हंगामा भी हुआ. गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा, 'जो अल्पसंख्यक बाहर से हमारे देश में आए, उन्हें राहत मिली है.
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तीन पड़ोसी मुल्कों से लोग हमारे देश में आए. वहां उन्हें समानता का अधिकार नहीं मिला. वो लोग अपने देश में दर-दर की ठोकरें खा रहे थे. वह लोग उम्मीद लेकर भारत आए थे. यह बिल लाखों लोगों के लिए किसी आशा की किरण जैसा है. ये बिल धार्मिक प्रताड़ितों के लिए है. मैं इस सदन के माध्यम से देश की जनता का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहता हूं. घोषणा पत्र के आधार पर प्रचार होता है. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इसका जिक्र किया था. हम वोट बैंक की राजनीति नहीं कर रहे हैं. हमने जनता के बीच इस मुद्दे को रखा था और हमें मिला जनादेश इसपर हामी का सबूत है.'
VIDEO : बंटवारा न होता तो यह बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती
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